भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की ड्यूटी क्या है?

Satyam Kumar

Source: my-lord.in | 02 Jun, 2024

कैग ऑफ इंडिया

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) सरकार के कामों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बनाए रखते हैं.

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CAG

संविधान के अनुच्छेद 148 के तहत भारत के कैग की नियुक्ति की जाती हैं.

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कार्यकाल

नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कार्यकाल उसके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से शुरू होकर छह साल तक का होता है.

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65 वर्ष

ऑडिटर जनरल छह वर्ष के कार्यकाल की समाप्ति से पहले 65 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेता है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा.

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कामकाज में पारदर्शिता

CAG सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और वित्तीय अखंडता को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

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शक्तियों के बंटवारे

CAG विधायिका और कार्यपालिका के बीच शक्ति का पृथक्करण की तटस्थता को बरकरार रखता है.

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विधायी उद्देश्यों

साथ ही सरकार की वित्तीय गतिविधियां विधायी उद्देश्यों के अनुरूप रखता है.

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लेखा परीक्षण

CAG का दायित्व भारत संघ, राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश की विधायिका के खर्चों का लेखापरीक्षण करना होता है.

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हिसाब-किताब

CAG कंटीजेंसी फंड और पब्लिक अकाउंट के ट्रांसजेक्शन का भी लेखा जोखा रखते हैं.

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CAG की बढ़ती भूमिका

जैसे-जैसे भारत का लोकतंत्र परिपक्व होता जा रहा है, गुड गवर्नेंस और पब्लिक इंटरेस्ट को सुनिश्चित करने में CAG की भूमिका बढ़ती जा रही है.

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