भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) सरकार के कामों में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को बनाए रखते हैं.
Source: my-lord.inसंविधान के अनुच्छेद 148 के तहत भारत के कैग की नियुक्ति की जाती हैं.
Source: my-lord.inनियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का कार्यकाल उसके कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से शुरू होकर छह साल तक का होता है.
Source: my-lord.inऑडिटर जनरल छह वर्ष के कार्यकाल की समाप्ति से पहले 65 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेता है, तो उसे अपने पद से इस्तीफा देना पड़ेगा.
Source: my-lord.inCAG सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और वित्तीय अखंडता को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
Source: my-lord.inCAG विधायिका और कार्यपालिका के बीच शक्ति का पृथक्करण की तटस्थता को बरकरार रखता है.
Source: my-lord.inसाथ ही सरकार की वित्तीय गतिविधियां विधायी उद्देश्यों के अनुरूप रखता है.
Source: my-lord.inCAG का दायित्व भारत संघ, राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेश की विधायिका के खर्चों का लेखापरीक्षण करना होता है.
Source: my-lord.inCAG कंटीजेंसी फंड और पब्लिक अकाउंट के ट्रांसजेक्शन का भी लेखा जोखा रखते हैं.
Source: my-lord.inजैसे-जैसे भारत का लोकतंत्र परिपक्व होता जा रहा है, गुड गवर्नेंस और पब्लिक इंटरेस्ट को सुनिश्चित करने में CAG की भूमिका बढ़ती जा रही है.
Source: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!