भारत में Surrogacy कानूनी या गैरकानूनी?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 21 Jul, 2023

भारत में Surrogacy

कई ऐसे विवाहित जोड़े हैं जो माता - पिता ना बन पाने की स्थिति में सरोगेसी का रास्ता अपनाते हैं, लेकिन क्या भारत में यह गैरकानूनी है, जानते हैं

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क्या होता है सरोगेसी

वो प्रक्रिया है जिसमें एक दूसरी महिला आपके लिए अपने गर्भ में आपका बच्चा पालती है और उसे जन्म देती है

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सरोगेसी विनियमन अधिनियम, 2021

इस अधिनियम में सरोगेसी प्रक्रिया से जुड़े कुछ नियम निर्धारित हैं. धारा दो में दो तरह के सरोगेसी का जिक्र है- परोपकारी सरोगेसी (धारा 2(b)) और व्यावसायिक सरोगेसी (धारा 2(g))

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परोपकारी सरोगेसी

सरोगेट मदर को केवल चिकित्सा व्यय, बीमा कवरेज और अन्य निर्धारित खर्च दिए जाएंगे; उन्हें किसी भी प्रकार का कोई शुल्क, व्यय, फीस, पारिश्रमिक या मौद्रिक प्रोत्साहन नहीं मिलेगा. यह भारत में लीगल है

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व्यावसायिक सरोगेसी

सरोगेट मदर को चिकित्सा व्यय, बीमा कवरेज और अन्य निर्धारित खर्च के अलावा भी कई तरह का आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाता है, यह एक तरह से सरोगेसी का व्यवसायीकरण है और यह भारत में अवैध और एक दंडनीय अपराध है

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उम्र सीमा

धारा 4 के अनुसार यदि कोई कपल सरोगेसी करवाना चाहता है तो महिला की उम्र 23 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए और पुरुष 26 से 55 वर्ष के बीच की आयु के होना चाहिए

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भारतीय नागरिक होना अनिवार्य

दंपत्ति को शादी किए हुए कम से कम पांच साल पूरे हो जाने चाहिए और दोनों का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है

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पहले से कोई बच्चा नहीं होना चाहिए

इच्छुक जोड़े का पहले से कोई बच्चा नहीं होना चाहिए (इसमें एक अपवाद है कि यदि बच्चा किसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहा है जिसका कोई इलाज नहीं है, तो ऐसे बच्चे के माता-पिता सरोगेसी को चुन सकते हैं)

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सरोगेट मदर की एलिजिबिलिटी

सरोगेट मदर का एक शादीशुदा होना जरूरी, उम्र 25 साल से 35 साल के बीच होनी चाहिए, महिली का पहले से अपनी संतान हो, मानसिक रोग विशेषज्ञ द्वारा प्रमाणित हो कि महिला मानसिक रूप से स्वस्थ है

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महिला की मंजूरी जरुरी

अधिनियम की धारा 6 के तहत जो भी महिला सरोगेट मदर बनना चाहती उन्हें अपनी मंजूरी लिखित रूप में देनी होगी और उन्हें यह बताया जाएगा कि बच्चे को जन्म देने के उन्हें क्या साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं

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Surrogacy Mother के अधिकार

धारा 7 के तहत जन्म के बाद यदि बच्चे में कोई डिफेक्ट होता है या इच्छुक जोड़ा बच्चे के लिंग से खुश नहीं होते हैं; किसी भी हाल में बच्चे को वो लेने से इनकार नहीं कर सकता, कोई भी शख्स एक सरोगेट मदर से बच्चा गिराने के लिए जबरदस्ती नहीं करेगा

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10 लाख रुपये तक का जुर्माना

सरोगेट मदर के साथ शोषण नहीं किया जाएगा और उनके होने वाले बच्चे को बेचना अपराध है, इसके लिए 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और कम से कम दस साल की जेल की सजा हो सकती है

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अस्पतालों और क्लिनिक के लिए कानून

धारा तीन के तहत सरोगेसी की प्रक्रिया सिर्फ पंजीकृत अस्पतालों और क्लिनिक में पूरी की जाएगी, जो भी सरोगेसी करेगा, वो इसके योग्य और स्पेशलिस्ट हो, सरोगेसी में अबॉर्शन सिर्फ सरोगेट मदर और संबंधित प्राधिकरण की रजामंदी से होगा, सरोगेसी के लिए किसी भी हाल में मानव भ्रूण को प्रिजर्व करके नहीं रखा जाएगा

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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