कई ऐसे विवाहित जोड़े हैं जो माता - पिता ना बन पाने की स्थिति में सरोगेसी का रास्ता अपनाते हैं, लेकिन क्या भारत में यह गैरकानूनी है, जानते हैं
Image Credit: my-lord.inवो प्रक्रिया है जिसमें एक दूसरी महिला आपके लिए अपने गर्भ में आपका बच्चा पालती है और उसे जन्म देती है
Image Credit: my-lord.inइस अधिनियम में सरोगेसी प्रक्रिया से जुड़े कुछ नियम निर्धारित हैं. धारा दो में दो तरह के सरोगेसी का जिक्र है- परोपकारी सरोगेसी (धारा 2(b)) और व्यावसायिक सरोगेसी (धारा 2(g))
Image Credit: my-lord.inसरोगेट मदर को केवल चिकित्सा व्यय, बीमा कवरेज और अन्य निर्धारित खर्च दिए जाएंगे; उन्हें किसी भी प्रकार का कोई शुल्क, व्यय, फीस, पारिश्रमिक या मौद्रिक प्रोत्साहन नहीं मिलेगा. यह भारत में लीगल है
Image Credit: my-lord.inसरोगेट मदर को चिकित्सा व्यय, बीमा कवरेज और अन्य निर्धारित खर्च के अलावा भी कई तरह का आर्थिक प्रोत्साहन दिया जाता है, यह एक तरह से सरोगेसी का व्यवसायीकरण है और यह भारत में अवैध और एक दंडनीय अपराध है
Image Credit: my-lord.inधारा 4 के अनुसार यदि कोई कपल सरोगेसी करवाना चाहता है तो महिला की उम्र 23 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए और पुरुष 26 से 55 वर्ष के बीच की आयु के होना चाहिए
Image Credit: my-lord.inदंपत्ति को शादी किए हुए कम से कम पांच साल पूरे हो जाने चाहिए और दोनों का भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है
Image Credit: my-lord.inइच्छुक जोड़े का पहले से कोई बच्चा नहीं होना चाहिए (इसमें एक अपवाद है कि यदि बच्चा किसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहा है जिसका कोई इलाज नहीं है, तो ऐसे बच्चे के माता-पिता सरोगेसी को चुन सकते हैं)
Image Credit: my-lord.inसरोगेट मदर का एक शादीशुदा होना जरूरी, उम्र 25 साल से 35 साल के बीच होनी चाहिए, महिली का पहले से अपनी संतान हो, मानसिक रोग विशेषज्ञ द्वारा प्रमाणित हो कि महिला मानसिक रूप से स्वस्थ है
Image Credit: my-lord.inअधिनियम की धारा 6 के तहत जो भी महिला सरोगेट मदर बनना चाहती उन्हें अपनी मंजूरी लिखित रूप में देनी होगी और उन्हें यह बताया जाएगा कि बच्चे को जन्म देने के उन्हें क्या साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं
Image Credit: my-lord.inधारा 7 के तहत जन्म के बाद यदि बच्चे में कोई डिफेक्ट होता है या इच्छुक जोड़ा बच्चे के लिंग से खुश नहीं होते हैं; किसी भी हाल में बच्चे को वो लेने से इनकार नहीं कर सकता, कोई भी शख्स एक सरोगेट मदर से बच्चा गिराने के लिए जबरदस्ती नहीं करेगा
Image Credit: my-lord.inसरोगेट मदर के साथ शोषण नहीं किया जाएगा और उनके होने वाले बच्चे को बेचना अपराध है, इसके लिए 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और कम से कम दस साल की जेल की सजा हो सकती है
Image Credit: my-lord.inधारा तीन के तहत सरोगेसी की प्रक्रिया सिर्फ पंजीकृत अस्पतालों और क्लिनिक में पूरी की जाएगी, जो भी सरोगेसी करेगा, वो इसके योग्य और स्पेशलिस्ट हो, सरोगेसी में अबॉर्शन सिर्फ सरोगेट मदर और संबंधित प्राधिकरण की रजामंदी से होगा, सरोगेसी के लिए किसी भी हाल में मानव भ्रूण को प्रिजर्व करके नहीं रखा जाएगा
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