जस्टिस संजीव खन्ना देश के प्राख्यात जजो में से एक है.
Image Credit: my-lord.inदिल्ली यूनिवर्सिटी से वकालत की पढ़े जस्टिस संजीव खन्ना 18 जनवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट में जज बने, और 2025 में रिटायर होंगे.
Image Credit: my-lord.inआज हम उनके कुछ बेहतरीन फैसले के बारे में बताने जा रहे जिसे उन्होंने खुद लिखा है या फैसला सुनानेवाली पीठ का हिस्सा रहे हैं.
Image Credit: my-lord.inसंविधान पीठ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के पास भारतीय संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विवेकाधीन शक्तियों का प्रयोग करके, सीधे उसके पास आने वाले पक्षकारों को तलाक देने का अधिकार है.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बायोपिक की रिलीज पर रोक लगाने के चुनाव आयोग के आदेश में हस्तक्षेप न करने का फैसला किया है. इस फैसले ने चुनाव आयोग के अधिकार को बरकरार रखा है.
Image Credit: my-lord.in8 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को वीवीपैट मिलान वाले मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया था.
Image Credit: my-lord.inपांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि सार्वजनिक अधिकारियों को गिरफ्तार होने के बाद गिरफ्तारी से छूट नहीं दी जा सकती, क्योंकि गिरफ्तारी के बाद यह प्रावधान समाप्त हो जाता है.
Image Credit: my-lord.inन्यायालय ने बिना हस्ताक्षर वाले मध्यस्थता समझौते की वैधता को बरकरार रखते हुए कहा कि हस्ताक्षर का अभाव एक सुधार योग्य त्रुटि है और इससे समझौता पूरी तरह से अमान्य नहीं हो जाता. यह निर्णय समझौते को बनाए रखने के लिए ऐसी त्रुटियों को सुधारने के महत्व पर जोर देता है.
Image Credit: my-lord.inसर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि न्यायिक स्वतंत्रता पारदर्शिता के विरुद्ध नहीं है.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि मध्यस्थता में पक्ष की स्वायत्तता सर्वोपरि है, और इसलिए, मध्यस्थ एकतरफा अपनी फीस निर्धारित नहीं कर सकता है. सारांश: सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता में पक्ष की स्वायत्तता पर जोर देते हुए कहा है कि मध्यस्थ स्वतंत्र रूप से अपनी फीस तय नहीं कर सकता है.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस संजीव खन्ना ने सुप्रीम कोर्ट में अब तक 27 वादों से जुड़े हैं, जिसमें से 14 पर उन्होंने अपना फैसला सुनाया है.
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