किन शक्तियों के तहत राष्ट्रपति किसी जाति को अनुसूचित जाति घोषित कर सकती है?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 01 Aug, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब राज्य बनाम दविंदर सिंह मामले में अनुसूचित जाति की कैटेगरी में सब-कैटेगरी बनाने को लेकर अपनी सहमति जता दी है.

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2004 के ईवी चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश राज्य में दिए अपने फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बदल दिया है

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इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि संविधान के अनुच्छेद 341(1) के तहत राष्ट्रपति के आदेश में सभी जातियां एक ही वर्ग की हैं और उन्हें आगे विभाजित नहीं किया जा सकता.

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संविधान के अनुच्छेद 341 राष्ट्रपति किसी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर सकती है.

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संविधान के अनुच्छेद 341(1) के अनुसार, राष्ट्रपति, राज्यपाल के परामर्श पर, किसी राज्य में वहां की स्थानीय जाति, नस्ल और जनजाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने को अधिसूचना जारी कर सकती हैं.

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वहीं अनुच्छेद 341(2) के अनुसार, संसद 341(1) के तहत अनुसूचित जाति में शामिल किसी जाति को उस सूची में शामिल या बाहर कर सकती है.

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लेकिन 341(1) में शामिल जातियों को किसी अन्य अधिसूचना द्वारा परिवर्तित नहीं किया जा सकता है.

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वहीं संविधान के अनुच्छेद 366(24) में आर्टिकल 341 में शामिल अनुसूचित जातियों को परिभाषित किया गया है.

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