मुफ्त इलाज नहीं करने पर BNS की इस धारा में दर्ज होगा मुकदमा

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 24 Dec, 2024

एसिड, POCSO और रेप पीड़ित

एसिड, POCSO और रेप पीड़ितों की मुफ्त इलाज को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है.

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दिल्ली हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला प्राइवेट, सरकारी या नर्सिंग होम सहित मेडिकल संस्थान पर लागू होगा,

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इलाज करने से नहीं कर सकते इंकार

अगर कोई चिकित्सा संस्थान रेप पीड़ितों को इलाज देने से इंकार करती है,

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हॉस्पीटल प्रभारी के खिलाफ चलेगा मुकदमा

तो दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को कहा है.

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BNS सेक्शन 200

बता दें कि उन संस्थानों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS, 2023) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

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संस्थान के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा

बीएनएस की धारा 200 के तहत जो किसी भी मेडिकल संस्थान, सार्वजनिक या निजी अस्पताल किसी व्यक्ति को इलाज से इंकार करता है, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है.

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होगा जेल और जुर्माना

बीएनएस के तहत उसे एक साल जेल की सजा और जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा.

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