एसिड, POCSO और रेप पीड़ितों की मुफ्त इलाज को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है.
Source: my-lord.inदिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला प्राइवेट, सरकारी या नर्सिंग होम सहित मेडिकल संस्थान पर लागू होगा,
Source: my-lord.inअगर कोई चिकित्सा संस्थान रेप पीड़ितों को इलाज देने से इंकार करती है,
Source: my-lord.inतो दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को कहा है.
Source: my-lord.inबता दें कि उन संस्थानों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS, 2023) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
Source: my-lord.inबीएनएस की धारा 200 के तहत जो किसी भी मेडिकल संस्थान, सार्वजनिक या निजी अस्पताल किसी व्यक्ति को इलाज से इंकार करता है, तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा सकता है.
Source: my-lord.inबीएनएस के तहत उसे एक साल जेल की सजा और जुर्माने या दोनों से दंडित किया जाएगा.
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