अगर आपकी औलाद आपको प्रताड़ित कर रहा है और आप अपनी संपत्ति से उन्हे बेदखल करना चाहते हैं तो जान लीजिए इस कानूनी दांवपेच को
Image Credit: my-lord.inकिसी पिता का अपनी संपत्ति से अपने बेटे को कानूनी रूप से बाहर करना
Image Credit: my-lord.inमाता-पिता द्वारा अर्जित संपत्ति पर ही केवल बेदखल करने का कानून है यानी पिता पैतृक संपत्ति से बेटे को बेदखल नहीं कर सकते हैं, लेकिन इसमें अपवाद भी है. अगर उनके पास कोई पैतृक संपत्ति है तो उस पर उनके बेटे या बेटी का अधिकार बेदखल होने के बाद भी रहेगा
Image Credit: my-lord.inयदि पिता ने मकान खुद बनाया है तो वह अपने घर से बेटे को निकाल सकते हैं. इसके लिए पिता को District Magistrate के यहां एक आवेदन पत्र देना होगा. जिसमें बताना होगा कि बेटा उसके साथ उचित व्यवहार नहीं करता. यदि जिला मजिस्ट्रेट इसे संज्ञान में नहीं लेता है तो पिता सिविल कोर्ट में एक अर्जी लगा सकता है
Image Credit: my-lord.inIndian Succession Act के अनुसार पिता वसीयत के माध्यम से भी अपनी कमाई हुई संपत्ति से बेटे, बेटी या किसी अन्य कानूनी वारिस को अपनी संपत्ति से बेदखल कर सकता है. इसके लिए एक रजिस्टर्ड वसीयत बनवानी होती है जिसमें स्पष्ट करना होता है कि संपत्ति में कुल कितने लोग कानूनी हकदार होंगे और ये रजिस्टर्ड वसीयत बनाने के लिए किसी वकील की सलाह लेनी होगी
Image Credit: my-lord.inMaintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act के तहत यदि माता-पिता की उम्र 60 साल से अधिक है तो वह सीनियर सिटीजंस एक्ट 2007 के तहत ट्रिब्यूनल में केस कर सकते हैं इसमें 21 दिन का समय लगता है. यदि बेटा अपने मां-बाप की सेवा करने में असफल साबित होता है तो ऐसी स्थिति में माता-पिता अपने बेटे को दी गई संपत्ति वापस भी ले सकते हैं
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