जानिए Property Registration की पूरी प्रक्रिया

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 20 Jul, 2023

संपत्ति की रजिस्ट्री

किसी संपत्ति को खरीदते है तो उसका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है जानते हैं इसकी पूरी प्रक्रिया

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Registration Act की धारा 17

इसके मुताबिक सभी लेनदेन, जिसमें एक अचल संपत्ति की बिक्री शामिल होती है (100 रुपये से ज्यादा वैल्यू वाली) को रजिस्टर्ड कराया जाना चाहिए, इस कानून के तहत विभिन्न दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन होता है ताकि सबूतो का संरक्षण, धोखाधड़ी की रोकथाम और शीर्षक (Title) सुनिश्चित हो सके

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इन दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

अगर आपको अचल संपत्ति गिफ्ट में मिली है या फिर गैर-वसीयतनामा या लेनदेन जिसमें 100 रुपये से अधिक राशि के लिए एक अचल संपत्ति की बिक्री शामिल है, या फिर आपने किसी संपत्ति को साल दर साल के लिए अचल संपत्ति को लीज पर ली है या दी है, या फिर आपने संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 53 ए में जिक्र मकसदों के लिए अचल संपत्ति को ट्रांसफर करने का कॉन्ट्रैक्ट किया है तो फिर आपको दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है

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स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस

Indian Stamp Act and Registration Act के तहत स्टांप ड्यूटी आती है, संपत्ति का मालिकाना हक ट्रांसफर करते वक्त खरीददार को स्टैंप ड्यूटी और Registration Charges राज्य सरकार को चुकाना पड़ता है, इसलिए विभिन्न राज्यों में इसकी दरें अलग - अलग हो सकती हैं

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दस्तावेजों का पंजीकरण

स्टांप ड्यूटी चुकाने के बाद दस्तावेजों को इंडियन रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत कराया जाना जरूरी है. जिस इलाके में प्रॉपर्टी है, उसके न्यायिक क्षेत्र में आने वाले सब-रजिस्ट्रार दफ्तर में यह प्रक्रिया पूरी होती है

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संपत्ति रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

सबसे पहले इलाके के Circle Rates के आधार पर अपनी संपत्ति के मूल्य का आकलन करें. उसके बाद वास्तविक मूल्य के साथ सर्किल रेट्स की तुलना करनी होगी. स्टैंप ड्यूटी चुकाने के लिए वास्तविक मूल्य और सर्किल रेट्स (जो ज्यादा होगी) वह लागू होगी. कैलकुलेशन के बाद आए मूल्य के गैर-न्यायिक दस्तावेज आपको खरीदने होंगे

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online ई-स्टांप

उसके बाद आप स्टांप पेपर खुद जाकर या ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं. लाइसेंस प्राप्त वेंडरों से दस्तावेज और एक online ई-स्टैंप मिल जाएगा. स्टैंप ड्यूटी कलेक्टर ऑफ स्टैंप्स के जरिए या अगर चुका दी गई है तो उसका सबूत जमा कराना होगा

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Sale Deed करें तैयार

इसके बाद स्टांप पेपर पर Sale Deed तैयार करें. विषय वस्तु लेनदेन की प्रकृति के मुताबिक बदलती है, जो बिक्री, लीज,गिरवी या पावर ऑफ अटॉर्नी हो सकती है

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गवाह साथ लेकर जाएं

अब लेनदेन करने वाली पार्टी को डीड रजिस्टर करने के लिए दो गवाहों को लेकर सब रजिस्ट्रार के दफ्तर जाएं, जो लोग इस प्रक्रिया में शामिल हैं, उनके पास फोटो, आईडी प्रूफ (Aadhar, Driving license, Ration card) इत्यादि होने चाहिए. डीड की ओरिजनल कॉपी, उसकी दो फोटोकॉपी भी साथ में लेकर जाएं. बिक्रीनामा रजिस्टर होने के बाद आपको एक रसीद मिलेगी. दो से सात दिनों के बाद दोबारा सब-रजिस्ट्रार दफ्तर जाकर आप बिक्रीनामा हासिल कर सकते हैं

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समय सीमा और फीस

जिन दस्तावेजों को अनिवार्य रूप से रजिस्टर्ड कराना है, उन्हें निष्पादन (Execution) के चार महीने के भीतर तय फीस के साथ जमा करना होता है

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प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन क्यों जरूरी है

अगर आपका नाम सरकारी अभिलेखों में बतौर मकान मालिक नहीं लिखा होगा, तब Ownership साबित करना मुमकिन नहीं है. इस कारण से, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन हर खरीदार के लिए अनिवार्य है

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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