किसी संपत्ति को खरीदते है तो उसका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है जानते हैं इसकी पूरी प्रक्रिया
Image Credit: my-lord.inइसके मुताबिक सभी लेनदेन, जिसमें एक अचल संपत्ति की बिक्री शामिल होती है (100 रुपये से ज्यादा वैल्यू वाली) को रजिस्टर्ड कराया जाना चाहिए, इस कानून के तहत विभिन्न दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन होता है ताकि सबूतो का संरक्षण, धोखाधड़ी की रोकथाम और शीर्षक (Title) सुनिश्चित हो सके
Image Credit: my-lord.inअगर आपको अचल संपत्ति गिफ्ट में मिली है या फिर गैर-वसीयतनामा या लेनदेन जिसमें 100 रुपये से अधिक राशि के लिए एक अचल संपत्ति की बिक्री शामिल है, या फिर आपने किसी संपत्ति को साल दर साल के लिए अचल संपत्ति को लीज पर ली है या दी है, या फिर आपने संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882 की धारा 53 ए में जिक्र मकसदों के लिए अचल संपत्ति को ट्रांसफर करने का कॉन्ट्रैक्ट किया है तो फिर आपको दस्तावेजों का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है
Image Credit: my-lord.inIndian Stamp Act and Registration Act के तहत स्टांप ड्यूटी आती है, संपत्ति का मालिकाना हक ट्रांसफर करते वक्त खरीददार को स्टैंप ड्यूटी और Registration Charges राज्य सरकार को चुकाना पड़ता है, इसलिए विभिन्न राज्यों में इसकी दरें अलग - अलग हो सकती हैं
Image Credit: my-lord.inस्टांप ड्यूटी चुकाने के बाद दस्तावेजों को इंडियन रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत कराया जाना जरूरी है. जिस इलाके में प्रॉपर्टी है, उसके न्यायिक क्षेत्र में आने वाले सब-रजिस्ट्रार दफ्तर में यह प्रक्रिया पूरी होती है
Image Credit: my-lord.inसबसे पहले इलाके के Circle Rates के आधार पर अपनी संपत्ति के मूल्य का आकलन करें. उसके बाद वास्तविक मूल्य के साथ सर्किल रेट्स की तुलना करनी होगी. स्टैंप ड्यूटी चुकाने के लिए वास्तविक मूल्य और सर्किल रेट्स (जो ज्यादा होगी) वह लागू होगी. कैलकुलेशन के बाद आए मूल्य के गैर-न्यायिक दस्तावेज आपको खरीदने होंगे
Image Credit: my-lord.inउसके बाद आप स्टांप पेपर खुद जाकर या ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं. लाइसेंस प्राप्त वेंडरों से दस्तावेज और एक online ई-स्टैंप मिल जाएगा. स्टैंप ड्यूटी कलेक्टर ऑफ स्टैंप्स के जरिए या अगर चुका दी गई है तो उसका सबूत जमा कराना होगा
Image Credit: my-lord.inइसके बाद स्टांप पेपर पर Sale Deed तैयार करें. विषय वस्तु लेनदेन की प्रकृति के मुताबिक बदलती है, जो बिक्री, लीज,गिरवी या पावर ऑफ अटॉर्नी हो सकती है
Image Credit: my-lord.inअब लेनदेन करने वाली पार्टी को डीड रजिस्टर करने के लिए दो गवाहों को लेकर सब रजिस्ट्रार के दफ्तर जाएं, जो लोग इस प्रक्रिया में शामिल हैं, उनके पास फोटो, आईडी प्रूफ (Aadhar, Driving license, Ration card) इत्यादि होने चाहिए. डीड की ओरिजनल कॉपी, उसकी दो फोटोकॉपी भी साथ में लेकर जाएं. बिक्रीनामा रजिस्टर होने के बाद आपको एक रसीद मिलेगी. दो से सात दिनों के बाद दोबारा सब-रजिस्ट्रार दफ्तर जाकर आप बिक्रीनामा हासिल कर सकते हैं
Image Credit: my-lord.inजिन दस्तावेजों को अनिवार्य रूप से रजिस्टर्ड कराना है, उन्हें निष्पादन (Execution) के चार महीने के भीतर तय फीस के साथ जमा करना होता है
Image Credit: my-lord.inअगर आपका नाम सरकारी अभिलेखों में बतौर मकान मालिक नहीं लिखा होगा, तब Ownership साबित करना मुमकिन नहीं है. इस कारण से, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन हर खरीदार के लिए अनिवार्य है
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!