कैसे कराएं अपनी ज़मीन का Measurement?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 21 Jul, 2023

भूमि की सीमा के गलत होने का शक़

कोई भी व्यक्ति जिसके पास भूमि का अधिकार है जमीन के कागज भी हैं लेकिन उसे यह लगे कि उसकी भूमि खतौनी में दर्ज क्षेत्रफल से कम है अथवा उसकी भूमि की सीमा वर्तमान मे चकबन्दी नक्शे से अलग है तो वह व्यक्ति उपजिलाधिकारी (Sub Divisional Magistrate) के न्यायालय में पैमाइश हेतु वाद प्रस्तुत कर सकता है

Image Credit: my-lord.in

राजस्व संहिता 2006 के तहत पैमाइश

इस संहिता के तहत ज़मीन कि पैमाइश कराई जाती है। इसमें आवेदक को अपना नाम, पिता का नाम और पता, ग्राम का नाम जिसमे वह स्थित है, गाटा संख्या और उसकी सीमायें। नक्शे की एक प्रमाणित प्रति खसरे (हिसाब-किताब का चिट्ठा) की प्रमाणित प्रति खतौनी की प्रमाणित प्रति लगानी होती है

Image Credit: my-lord.in

Treasury challan

सभी दस्तावेज के साथ आवेदक को प्रत्येक गाटा संख्या के लिए 1000 रूपए ट्रेजरी चालान (Treasury Challan) के माध्यम से जमा करने होंगे। यदि गाटे दो या उससे अधिक है और वे आपस मे सटे हुए हो तो केवल 1000 रूपए ही जमा करना होगा

Image Credit: my-lord.in

SDM के यहां आवेदन

धारा 24 के तहत उपजिलाधिकारी के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करना होता है। पैमाइश के लिए ऑनलाइन आवेदन व 1 हजार शुल्क का भुगतान नेट बैंकिग से करना होगा. भुगतान के बाद आवेदन एसडीएम न्यायालय में दर्ज हो जाएगा. एसडीम आवेदन को तहसीलदार राजस्व निरीक्षक को भेजेगा. राजस्व निरीक्षक पैमाइश की तिथि को तय करेगा तथा नोटिस जारी करेगा

Image Credit: my-lord.in

कानूनगो के द्वारा सीमांकन कार्य

कानूनगो के माध्यम से सीमांकन का कार्य करायें जाने के बाद और सभी संबंधित पक्षो को नोटिस (खातेदार को) दिया जायेगा और यदि वह मौजूद नहीं है तो परिवार के किसी वयस्क सदस्य को दी जाएगी

Image Credit: my-lord.in

कानूनगो तैयार करेगा स्थल ज्ञापन

सीमांकन के समय पर कानूनगो के द्वारा एक स्थल ज्ञापन (Spot memo) तैयार किया जाएगा, जिसमें सभी प्रभावित पक्षों व ग्राम प्रधान के अतिरिक्त किन्ही दो गवाहों के हस्ताक्षर होंगे

Image Credit: my-lord.in

15 दिन के भीतर आपत्ति दाखिल

रिपोर्ट मिलने के बाद उपजिलाधिकारी एक सप्ताह के भीतर सभी प्रभावित पक्षों को नोटिस जारी करके पंद्रह दिन के भीतर आपत्ति दाखिल करने का मौका देंगे। अगर उपजिलाधिकारी को कोई आपत्ति मिलती है तो वो उसका निपटारा करेंगे, अगर कोई आपत्ति नहीं आती है तो किसी नियत दिनांक पर उपजिलाधिकारी द्वारा सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश जारी हो जायेगा

Image Credit: my-lord.in

पढ़ने के लिए धन्यवाद!

Next: जबरन महिला का हाथ पकड़ना दंडनीय नहीं?

अगली वेब स्टोरी