कोई भी व्यक्ति जिसके पास भूमि का अधिकार है जमीन के कागज भी हैं लेकिन उसे यह लगे कि उसकी भूमि खतौनी में दर्ज क्षेत्रफल से कम है अथवा उसकी भूमि की सीमा वर्तमान मे चकबन्दी नक्शे से अलग है तो वह व्यक्ति उपजिलाधिकारी (Sub Divisional Magistrate) के न्यायालय में पैमाइश हेतु वाद प्रस्तुत कर सकता है
Image Credit: my-lord.inइस संहिता के तहत ज़मीन कि पैमाइश कराई जाती है। इसमें आवेदक को अपना नाम, पिता का नाम और पता, ग्राम का नाम जिसमे वह स्थित है, गाटा संख्या और उसकी सीमायें। नक्शे की एक प्रमाणित प्रति खसरे (हिसाब-किताब का चिट्ठा) की प्रमाणित प्रति खतौनी की प्रमाणित प्रति लगानी होती है
Image Credit: my-lord.inसभी दस्तावेज के साथ आवेदक को प्रत्येक गाटा संख्या के लिए 1000 रूपए ट्रेजरी चालान (Treasury Challan) के माध्यम से जमा करने होंगे। यदि गाटे दो या उससे अधिक है और वे आपस मे सटे हुए हो तो केवल 1000 रूपए ही जमा करना होगा
Image Credit: my-lord.inधारा 24 के तहत उपजिलाधिकारी के न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करना होता है। पैमाइश के लिए ऑनलाइन आवेदन व 1 हजार शुल्क का भुगतान नेट बैंकिग से करना होगा. भुगतान के बाद आवेदन एसडीएम न्यायालय में दर्ज हो जाएगा. एसडीम आवेदन को तहसीलदार राजस्व निरीक्षक को भेजेगा. राजस्व निरीक्षक पैमाइश की तिथि को तय करेगा तथा नोटिस जारी करेगा
Image Credit: my-lord.inकानूनगो के माध्यम से सीमांकन का कार्य करायें जाने के बाद और सभी संबंधित पक्षो को नोटिस (खातेदार को) दिया जायेगा और यदि वह मौजूद नहीं है तो परिवार के किसी वयस्क सदस्य को दी जाएगी
Image Credit: my-lord.inसीमांकन के समय पर कानूनगो के द्वारा एक स्थल ज्ञापन (Spot memo) तैयार किया जाएगा, जिसमें सभी प्रभावित पक्षों व ग्राम प्रधान के अतिरिक्त किन्ही दो गवाहों के हस्ताक्षर होंगे
Image Credit: my-lord.inरिपोर्ट मिलने के बाद उपजिलाधिकारी एक सप्ताह के भीतर सभी प्रभावित पक्षों को नोटिस जारी करके पंद्रह दिन के भीतर आपत्ति दाखिल करने का मौका देंगे। अगर उपजिलाधिकारी को कोई आपत्ति मिलती है तो वो उसका निपटारा करेंगे, अगर कोई आपत्ति नहीं आती है तो किसी नियत दिनांक पर उपजिलाधिकारी द्वारा सभी पक्षों को सुनने के बाद आदेश जारी हो जायेगा
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