स्टॉक मार्केट की निगरानी रखने वाले SEBI की स्थापना कैसे हुई? इसकी कार्यक्षेत्र कैसे तय हुई?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 10 Jun, 2024

SEBI

SEBI की स्थापना 12 अप्रैल 1988 को एक गैर-सांविधिक निकाय के रूप में की गई थी,

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30 जनवरी, 1992

SEBI को कानूनी दर्जा और शक्तियां 30 जनवरी 1992 को SEBI अधिनियम, 1992 के पारित होने के बाद प्राप्त हुईं.

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कानूनी अधिकार

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का कानूनी अधिकार निम्नलिखित नियमों और अधिनियमों के तहत तय हुआ,

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SEBI की शक्तियां

सेबी अधिनियम, 1992 (SEBI Act, 1992): यह अधिनियम SEBI को कानूनी दर्जा देता है और इसके कार्यों, शक्तियों और उद्देश्यों को बताता है.

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प्रमुख अधिकार

इस अधिनियम के तहत SEBI को निम्नलिखित प्रमुख अधिकार और कर्तव्य सौंपे गए हैं:

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सिक्योरिटीज मार्केट

1) प्रतिभूतियों (सिक्योरिटीज़) के व्यापार को विनियमित करना. 2) प्रतिभूतियों में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों की सुरक्षा करना. 3) प्रतिभूतियों से संबंधित सभी प्रकार के बाजारों और बाजार मध्यस्थों का विनियमन करना.

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प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956

प्रतिभूति अनुबंध (विनियमन) अधिनियम, 1956 के तहत SEBI को स्टॉक एक्सचेंजों को मान्यता देने और उनके संचालन को विनियमित करने का अधिकार मिला.

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मार्केट को दिशानिर्देश

यह अधिनियम स्टॉक एक्सचेंजों के कार्य और व्यापारिक व्यवहार के लिए नियम और दिशा-निर्देश निर्धारित करता है.

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SEBI के नियम और विनियम

SEBI विभिन्न समयों पर नियम और विनियम बनाती है, जो कि इसके कार्यों और उद्देश्यों को प्राप्त करने में सहायक होते हैं. ये नियम और विनियम SEBI अधिनियम, 1992 के तहत बनाए जाते हैं.

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डिपॉजिटरी अधिनियम, 1996

डिपॉजिटरी अधिनियम, 1996 के तहत SEBI को डिपॉजिटरी और डिपॉजिटरी प्रतिभूतियों के विनियमन का अधिकार मिला. यह अधिनियम इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रतिभूतियों के रख-रखाव और स्थानांतरण को विनियमित करता है.

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मनी लॉन्ड्रिंग (रोकथाम) अधिनियम, 2002

SEBI को मनी लॉन्ड्रिंग (रोकथाम) अधिनियम, 2002 के तहत प्रतिभूति बाजार में मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधियों को रोकने और जांच करने का अधिकार मिला.

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पूंजी बाजार

इन अधिनियमों और नियमों के तहत SEBI को भारतीय पूंजी बाजार का विनियमन और नियंत्रण करने की शक्तियाँ प्राप्त होती हैं.

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निवेशकों के हितों की रक्षा

इसका मुख्य उद्देश्य प्रतिभूतियों के बाजार को पारदर्शी, निष्पक्ष और सुरक्षित बनाना और निवेशकों के हितों की रक्षा करना है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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