हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा के मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 हर महिला पर लागू होता है.
Source: my-lord.inचाहे वह महिला किसी भी धर्म की हो या किसी भी समाजिक परिपाटी से आती हो.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस एन कोटिस्वर की पीठ ने कहा कि घरेलू हिंसा से निपटने के लिए 2005 में बना कानून हर महिला के अधिकार की रक्षा करता है.
Source: my-lord.inमामले में महिला ने पति की मजिस्ट्रेट के सामने लंबित याचिका को चुनौती दी थी,
Source: my-lord.inपत्नी ने सेशन कोर्ट द्वारा तय की गई 12 हजार रूपये महीना गुजारा भत्ता की राशि को बरकरार रखने को लेकर पति की याचिका को चुनौती दी.
Source: my-lord.inहालांकि महिला को हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली. तब उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने महिला की याचिका स्वीकार करते हुए कहा कि पीड़ित व्यक्ति अधिनियम के तहत दिए गए आदेश में परिवर्तन या संशोधन की मांग कर सकता है, लेकिन यह तभी संभव है जब परिस्थितियों में परिवर्तन हुआ हो.
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