दिल्ली हाईकोर्ट में पदासीन जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका को खारिज करने के बाद चर्चा में है.
Source: my-lord.inजस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने अपने फैसले में जो कारण दिए हैं, वे आम लोगों में न्याय की समझ एवं उसके प्रति विश्वास की भावना को मजबूत करती है.
Source: my-lord.inजस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा वर्तमान मे दिल्ली उच्च न्यायालय में जज के तौर पर पदासीन है. वे 28.03.2022 से उच्च न्यायालय की परमानेंट जज बनी है
Source: my-lord.inनवंबर 2019 में, उन्हें प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश (उत्तरी जिला) के रूप में नियुक्त किया गया.
Source: my-lord.inवहीं, मार्च 2022 में, उन्होंने राउज एवेन्यू कोर्ट में प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश-सह-विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) के रूप में बनाया गया. इसके बाद में दिल्ली हाईकोर्ट में न्यायाधीश बनी.
Source: my-lord.inन्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में बी.ए. (ऑनर्स) में ग्रेजुएशन किया है.
Source: my-lord.inवर्ष 1991 में उन्होंने एल.एल.बी. की डिग्री ली. वहीं साल 2004 में एलएलएम की उपाधि प्राप्त की. जस्टिस ने मार्केटिंग प्रबंधन, विज्ञापन और जनसंपर्क में डिप्लोमा भी किया है.
Source: my-lord.inजस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कई किताबें भी लिखी है. डॉन्ट ब्रेक ऑफ्टर ब्रेकअप, बियॉन्ड बागबान आदि सुप्रसिद्ध किताबें शामिल हैं.
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