छोटी उम्र में अपराध की ओर कदम बढ़ाने वाले छात्रों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है,
Source: my-lord.inकानून का उल्लंघन करनेवाले बच्चों को चाइल्ड इन कॉन्फ्लिक्ट विथ लॉ (Child In Conflict With Law) कहा जाता है.
Source: my-lord.inऔर नाबालिग बच्चें (18 वर्ष से कम उम्र) जो कानून का उल्लंघन करते पाए जाते हैं उनके साथ जुवेनाइल जस्टिस (बाल संरक्षण और देखभाल) अधिनियम, 2015 के तहत कार्रवाई की जाती है.
Source: my-lord.inवहीं जुवेनाइल जस्टिस अधिनियम की धारा 10 के अनुसार जब किसी बच्चे को पुलिस पकड़ती है तो उसे जुवेनाइल पुलिस यूनिट और बाल कल्याण अधिकारी के पास रखा जाता है.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड(JJB) को सख्त हिदायत दी है कि वे नाबालिग बच्चों के अपराध में मूकदर्शक नहीं बने रहे.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने बच्चों के शोषण से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए बने कानून को कोई भी हल्के में नहीं ले सकता है, खासकर पुलिस तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं कर सकती है.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अगर बच्चे को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया जाता है उसे तुरंत जमानत केने का प्रावधान है.
Source: my-lord.inअगर बच्चे को जमानत नहीं दी जाती है तो भी उसे पुलिस हिरासत में नहीं रख सकती है.
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