गलत गिरफ्तारी पर कर सकते हैं पुलिस के खिलाफ मुकदमा

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 16 Jan, 2023

भारतीय दंड सहिंता की धारा 220

पुलिस का नाम सुनकर ही हर किसी के पसीने छूट जाते हैं. कोई भी किसी भी तरीके से पुलिस के मामले में नहीं पड़ना चाहता है.

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क्या करें जब पुलिस गलत तरीके से करती है गिरफ्तार

लेकिन आज कल ऐसी कई घटनाएं देखने को मिलती हैं, जहां पुलिस अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करती है और निर्दोष व्यक्तियों को कारावास में बंद करती है, तो कई बार पूछताछ और जांच के बहाने अवैध रूप से हिरासत में ले लेती है.

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ऐसे कर्मजारियों पर करें मुकदमा दर्ज

ऐसी कार्रवाई के समय, वह ऐसा जताते हैं कि यह सब न्याय और नियम के अनुसार ही हो रहा है. तो आज हम आपको बता दें कि भारतीय कानून के अंतर्गत, इस तरह की कार्यवाही एक अपराध है.

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IPC के प्रावधान

भारतीय दंड सहिंता की धारा 220 के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी सम्मानित पद या कार्यालय में होने के नाते अगर उस पद का गलत इस्तेमास करता है और वह किसी भी व्यक्ति पर मुकदमे करता है या कैद में रखता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है.

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सजा का प्रावधान

IPC की धारा 220 के तहत दोषी पाए जाने पर अपराधी व्यक्ति को 7 साल जेल की सजा और जुर्माने की सजा या दोनों सज़ा से दण्डित किया जा सकता है.

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अपराध के मुख्य तत्व

IPC की धारा 220 के तहत अपराध साबित करने के लिए अपराध में इन 3 तत्वों का होना अनिवार्य है: 1. व्यक्ति के पास अधिकार है कि वह किसी व्यक्ति को मुकदमे के लिए भेज सकता है या उसे कारावास में कर सकता है. 2. बिना किसी उचित कारण के गिरफ्तार करना. 3. किसी दूसरे को हानि पहुंचाने के इरादे से मुकदमा दर्ज करना.

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अपराध की श्रेणी

IPC की धारा 220 के अनुसार अपराधी को बिना वारंट के गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है, ऐसे व्यक्ति को दंडित किया जाता है जो अपने अधिकारों का दुरुपयोग करता है और निर्दोष व्यक्ति को कारावास में बंद करता है, तो ऐसे अधिकारी को सख्त सज़ा का सामना करना पड़ सकता है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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