यूपीए सरकार के समय में शुरू की गई सेतु समुद्रम परियोजना के तहत जहाजों के लिए रास्ता बनाने के लिए राम सेतु को तोड़ा जाना था लेकिन, कोर्ट की दखल के बाद 2007 में इस परियोजना पर रोक लगा दी गई. तब से राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई लंबित थी.
Image Credit: my-lord.inवर्ष 2014 में एनडीए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि राष्ट्रीय हित में यह तय किया गया है कि राम सेतु को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा और केंद्र सरकार सेतु समुद्रम परियोजना के लिए वैकल्पिक रास्ते की तलाश कर रही है. लेकिन अपने जवाब में सरकार ने राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक का दर्ज़ा देने पर कोई रुख स्पष्ट नहीं किया. जिसके बाद 2018 में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राम सेतु को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की याचिका को मेंशन किया.
Image Credit: my-lord.inरामसेतु मामले को लेकर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह रामसेतु को राष्ट्रीय स्मारक बनाए जाने की मांग पर सरकार विचार कर रही है. सुप्रीम कोर्ट ने बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को संस्कृति मंत्रालय के सामने रिप्रेजेंटेशन पेश करने की छूट दी है.
Image Credit: my-lord.inकेंद्र ने 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर फरवरी के पहले सप्ताह में अपना जवाब देगी.
Image Credit: my-lord.inराम सेतु, जिसे Adam's Bridge भी कहा जाता है, तमिलनाडु के दक्षिण-पूर्वी तट से पंबन द्वीप और श्रीलंका के उत्तर-पश्चिमी तट से दूर मन्नार द्वीप के बीच आपस में जुड़ी पत्थर की एक श्रृंखला को कहा जाता है.
Image Credit: my-lord.inहिंदू धर्म में राम सेतु को भगवान राम की सेना द्वारा बनाया गया सेतु माना जाता है, जिसे भगवान राम पार करके श्रीलंका तक गएं थे और सीता माता को रावण से बचाकर लाए थे. दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी इसके मानव निर्मित होने की मान्यता है.
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