क्या देश की हर महिला को मिलेगा 'पीरियड्स लीव' ?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 12 Jan, 2023

'पीरियड्स लीव' पर जनहित याचिका

सुप्रीम कोर्ट में पीरियड्स लीव को लेकर एक जनहित याचिका दायर. अधिवक्ता शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने दायर की याचिका. जिसमें कहा गया महिलाओं को अवधि अवकाश ना मिलना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. याचिकाकर्ता के अनुसार कांग्रेस नेता शशि थरूर मे 2018 में दो निजी सदस्य बिल लोकसभा में पेश किए थे,लेकिन विधानसभा ने इसे नजरअंदाज कर दिया.

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कुछ कंपनियों देती हैं छुट्टी

याचिका में कहा गया कि भारत में Zomato, Swiggy जैसी कुछ कंपनियां देती हैं छुट्टी. फिर भी बहुत सी कंपनियां ऐसा नहीं करती. राज्यों में, केवल बिहार अपनी 1992 की नीति के तहत विशेष माहवारी दर्द अवकाश प्रदान करता है.

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यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन का हवाला

पीरियड्स के दौरान एक महिला को जितना दर्द होता है, उतना ही दर्द एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने पर होता है. इस तरह का दर्द एक कर्मचारी की प्रोडक्टिविटी को कम करता है.

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दूसरे देशों का भी जिक्र

यूके, वेल्स, चीन, जापान , ताइवान, इंडोनेशिया, साउथ कोरिया, स्पेन और जांबिया में माहवारी के लिए छुट्टी अलग-अलग नाम पर दी जाती है.

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मातृत्व लाभ अधिनियम धारा 14 को लागू करने की मांग

इसके तहत अधिनियम को लागू करने के लिए निरीक्षकों की नियुक्ति होगी. याचिकाकर्ता ने बताया कि वर्तमान में, केवल मेघालय ने ही अधिकारियों की नियुक्ति की है.

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