सुप्रीम कोर्ट में पीरियड्स लीव को लेकर एक जनहित याचिका दायर. अधिवक्ता शैलेंद्र मणि त्रिपाठी ने दायर की याचिका. जिसमें कहा गया महिलाओं को अवधि अवकाश ना मिलना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है. याचिकाकर्ता के अनुसार कांग्रेस नेता शशि थरूर मे 2018 में दो निजी सदस्य बिल लोकसभा में पेश किए थे,लेकिन विधानसभा ने इसे नजरअंदाज कर दिया.
Image Credit: my-lord.inयाचिका में कहा गया कि भारत में Zomato, Swiggy जैसी कुछ कंपनियां देती हैं छुट्टी. फिर भी बहुत सी कंपनियां ऐसा नहीं करती. राज्यों में, केवल बिहार अपनी 1992 की नीति के तहत विशेष माहवारी दर्द अवकाश प्रदान करता है.
Image Credit: my-lord.inपीरियड्स के दौरान एक महिला को जितना दर्द होता है, उतना ही दर्द एक व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने पर होता है. इस तरह का दर्द एक कर्मचारी की प्रोडक्टिविटी को कम करता है.
Image Credit: my-lord.inयूके, वेल्स, चीन, जापान , ताइवान, इंडोनेशिया, साउथ कोरिया, स्पेन और जांबिया में माहवारी के लिए छुट्टी अलग-अलग नाम पर दी जाती है.
Image Credit: my-lord.inइसके तहत अधिनियम को लागू करने के लिए निरीक्षकों की नियुक्ति होगी. याचिकाकर्ता ने बताया कि वर्तमान में, केवल मेघालय ने ही अधिकारियों की नियुक्ति की है.
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