मैरिटल रेप को अपराध बनाने की मांग पर CJI Chandrachud ने क्या कहा?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 18 Oct, 2024

CJI DY Chandrachud की बेंच

सुप्रीम कोर्ट में CJI DY Chandrachud की अगुवाई वाली पीठ ने मैरिटल रेप को अपराध बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की.

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पितृसत्ता बनाम जनता

जहां याचिकाकर्ता ने इस मामले को पितृसत्ता बनाम जनता का मामला बताया है.

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मैरिटल रेप

CJI ने मामले की सुनवाई करते हुए पूछा कि जब पत्नी के 18 साल से कम होने पर संबंध बनाये जाए तो ये रेप है

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IPC और BNS का अंतर

अगर वह 18 साल से अधिक हो, तो रेप नहीं है. यही IPC और BNS का अंतर है.

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बीएनएस के तहत अपवाद

जवाब मिला कि पति एनल सेक्स करता है तो बीएनएस की धारा 63 के अपवाद दो के तहत छूट दी जा सकती है.

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वर्तमान कानून

CJI ने वर्तमान कानून के हवाले से कहा कि चाहे एनल सेक्स हो या वजाइनल सेक्स, अगर व्यक्ति विवाह के भीतर हो तो ये बलात्कार नहीं होगा.

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विवाह संस्था होगी अस्थिर

सुनवाई के दौरान CJI ने पूछा कि पति-पत्नी के बीच बिना इजाजत के संबंध बनाने को अपराध घोषित करने विवाह संस्था अस्थिर होगी. इस पर आप क्या कहना है.

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तीन घंटे तक हुई बहस

याचिकाकर्ताओं ने इसे मानने से इंकार किया, वहीं तीन घंटे तक चली इस सुनवाई को CJI ने अगले मंगलवार तक टाल दिया है.

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