सुप्रीम कोर्ट में CJI DY Chandrachud की अगुवाई वाली पीठ ने मैरिटल रेप को अपराध बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की.
Source: my-lord.inजहां याचिकाकर्ता ने इस मामले को पितृसत्ता बनाम जनता का मामला बताया है.
Source: my-lord.inCJI ने मामले की सुनवाई करते हुए पूछा कि जब पत्नी के 18 साल से कम होने पर संबंध बनाये जाए तो ये रेप है
Source: my-lord.inअगर वह 18 साल से अधिक हो, तो रेप नहीं है. यही IPC और BNS का अंतर है.
Source: my-lord.inजवाब मिला कि पति एनल सेक्स करता है तो बीएनएस की धारा 63 के अपवाद दो के तहत छूट दी जा सकती है.
Source: my-lord.inCJI ने वर्तमान कानून के हवाले से कहा कि चाहे एनल सेक्स हो या वजाइनल सेक्स, अगर व्यक्ति विवाह के भीतर हो तो ये बलात्कार नहीं होगा.
Source: my-lord.inसुनवाई के दौरान CJI ने पूछा कि पति-पत्नी के बीच बिना इजाजत के संबंध बनाने को अपराध घोषित करने विवाह संस्था अस्थिर होगी. इस पर आप क्या कहना है.
Source: my-lord.inयाचिकाकर्ताओं ने इसे मानने से इंकार किया, वहीं तीन घंटे तक चली इस सुनवाई को CJI ने अगले मंगलवार तक टाल दिया है.
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