2008 का मामला है, जिसमें एक व्यक्ति की झूठी गवाही से दो महिलाओं को 14 साल जेल में रहना पड़ा.
Source: my-lord.inएक शख्स ने महिलाओं के खिलाफ गवाही देते हुए कहा कि उसने अपने अपनी एक रिश्तेदार के साथ मिलकर अपने देवर की हत्या की है.
Source: my-lord.inहत्या करने के बाद दोनों औरतों ने अपने देवर का शव पेड़ से लटका कर इस घटना को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की है.
Source: my-lord.inमहिलाओं ने सजा के खिलाफ अपील की, मामला मध्य प्रदेश हाईकोर्ट तक पहुंचा.
Source: my-lord.inहाईकोर्ट ने पाया कि ट्रायल कोर्ट ने मामले की सुनवाई में लापरवाही बरती है.
Source: my-lord.inहाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अदालत को यह समझना चाहिए कि वे एक व्यक्ति के जीवन और स्वतंत्रता का फैसला कर रहे हैं और किसी को भी कानून के ठोस सिद्धांतों के बिना दंडित नहीं किया जाना चाहिए.
Source: my-lord.inअदालत ने दोनों महिलाओं को तत्काल बरी करते हुए रिहा करने के आदेश दिए हैं.
Source: my-lord.inसाथ ही मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने शख्स के खिलाफ मुकदमा चलाने को कहा है.
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