सोशल मीडिया ट्रोलिंग के फैशन पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब जजों को भी नहीं बख्शा जाता है. सोशल मीडिया ट्रोलिंग 'नृशंस' है. ऐसे असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार लोगों को नजरअंदाज करना ही बेहतर है.
Image Credit: my-lord.inये बातें स्वाति मालीवाल मामले के आरोपी विभव कुमार द्वारा दायर जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहीं.
Image Credit: my-lord.inअदालत में मालीवाल की ओर से पेश वकील ने शिकायत की कि घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर पीड़िता को ट्रोल का सामना करना पड़ रहा है.
Image Credit: my-lord.inइस दलील का वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने विरोध करते हुए कहा कि विभव 'X ' को नियंत्रित नहीं करता है. हालांकि, पीठ ने मालीवाल की शिकायत पर सहानुभूति जताई.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस भुइयां ने कहा कि सोशल मीडिया में ट्रोलिंग वास्तव में नृशंस है. जज भी ट्रोल किए जाते हैं. हम किसी के पक्ष में आदेश पारित करते हैं, तो दूसरा पक्ष जज को ट्रोल कर देता है.
Image Credit: my-lord.inइस पर पीठ की अगुवाई कर रहे जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि ऐसे मामलों को अनदेखा करना बेहतर है.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस ने आगे कहा कि गैर-जिम्मेदार लोगों का एक बड़ा वर्ग, दुर्भाग्य से उन्हें इस मंच तक पहुंच मिल गई है. वे पूरी तरह से असंवेदनशील और अपने कर्तव्यों से अवगत नहीं हैं.
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