सुप्रीम कोर्ट की नई bench मुस्लिम बहुविवाह, निकाह-हलाला की अब करेगी सुनवाई

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 21 Jan, 2023

पीठ के दो सदस्य सेवानिवृत

शुक्रवार को सीजेआई और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की पीठ ने अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय की ओर से मामले को मेंशन करते हुए पीठ से अनुरोध किया कि बहुविवाह और निकाह हलाला के मामले की सुनवाई पीठ के 5 में से 3 सदस्यों के सेवानिवृत होने के चलते लंबित है, इसलिए याचिकाओं पर सुनवाई के लिए नयी संविधान पीठ गठित करने की जरूरत है.

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कब हुई थी शुरूआत

पहली बार यह मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जुलाई 2018 आया था. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के 5 ​जज जस्टिस इंदिरा बनर्जी, हेमंत गुप्ता, सूर्यकांत, एमएम सुंदरेश और सुधांशु धूलिया की पीठ ने 30 अगस्त 2022 को सुनवाई की थी. सुनवाई के कुछ समय बादद ही जस्टिस इंदिरा बनर्जी 23 सितंबर 2022 को और जस्टिस हेमंत गुप्ता 16 अक्टूबर 2022 को सेवानिवृत हो गए थे.

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असंवैधानिक घोषित करने की मांग

भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर करते हुए मुस्लिमों में बहुविवाह और निकाह हलाला की प्रथा को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है. 8 याचिकाओं में एक जनहित याचिका अश्विनी उपाधाय की है.

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क्या है बहुविवाह

बहुविवाह तब होता जब एक पुरुष एक साथ कई महिलाओं से शादी करता है और सबका पति होता है. भारत में बहुविवाह 1956 में सभी नागरिकों के लिए समान रूप से अवैध हो गया पर मुस्लिम समाज को छोड़ कर जो एक मुस्लिम पुरुष को चार पत्नियां रखने की अनुमति देती है.

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क्या है निकाह हलाला

'निकाह हलाला' उस प्रक्रिया से संबंधित है, जिसमें एक मुस्लिम महिला, जो तलाक के बाद अपने पति से दोबारा शादी करना चाहती है, तो उसे पहले किसी अन्य व्यक्ति से शादी करनी होती है और शादी के बाद उससे तलाक लेना होता है.

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सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की दी स्वीकृति

मुस्लिम बहु-विवाह और निकाह हलाला की प्रथा पर बैन लगाने की मांग को लेकर दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया है. सीजेआई ने कहा पांच जजों की बेंच के सामने अभी कई महत्वपूर्ण मामले लंबित हैं, हम एक बेंच का गठन करेंगे और सुनवाई करेंगे.

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