सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने 7 जजों की एक संवैधानिक बेंच गठन करने पर सहमति जताई है.
Source: my-lord.inयह संवैधानिक बेंच मोदी सरकार द्वारा आधार अधिनियम जैसे कानूनों को धन विधेयक (Money Bill) के रूप में पारित करने की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार करेगी.
Source: my-lord.inयाचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार केवल राज्यसभा की स्क्रूटनी से बचने के लिए ऐसा कर रही है जहां उसके पास बहुमत नहीं है.
Source: my-lord.inPTI की रिपोर्ट के मुताबिक, 245 सदस्यीय राज्यसभा में भाजपा के पास वर्तमान में 86 सांसद हैं और सत्तारूढ़ एनडीए के पास 101 सांसद हैं, जहां बहुमत का आंकड़ा 123 है.
Source: my-lord.inयाचिका के अनुसार, आधार अधिनियम, धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) में संशोधनों को धन विधेयक के रूप में पारित करना, जाहिर तौर पर राज्यसभा को दरकिनार करने के लिए, जब एनडीए के पास वहां बहुमत नहीं था, एक प्रमुख राजनीतिक और कानूनी विवाद का केंद्र रहा है.
Source: my-lord.inकांग्रेस के संचार प्रभारी महासचिव जयराम रमेश उन याचिकाकर्ताओं में से एक हैं, जिन्होंने संविधान के अनुच्छेद 110 के तहत धन विधेयक के रूप में 2016 के आधार अधिनियम को पारित करने को चुनौती दी है.
Source: my-lord.inवरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि याचिकाएं पूरी हो चुकी हैं और याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने की आवश्यकता है.
Source: my-lord.inसीजेआई ने उनसे कहा, जब मैं संविधान पीठ बनाऊंगा, तब मैं इस पर विचार करूंगा.
Source: my-lord.inकांग्रेस को उम्मीद है कि इस साल नवंबर में चंद्रचूड़ के सेवानिवृत्त होने से पहले अंतिम फैसला आ जाएगा.
Source: my-lord.inइससे पहले, शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह धन विधेयक के रूप में आधार अधिनियम जैसे कानूनों के पारित होने की वैधता के मुद्दे पर विचार करने के लिए सात न्यायाधीशों की पीठ का गठन करेगी. अब ये देखना दिलचस्प रहेगा कि इसमें आगे क्या कुछ होता है.
Source: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!