हिंदी में दलील देने से सुप्रीम कोर्ट ने रोका, कहा-अदालत की अधिकारिक भाषा अंग्रेजी है

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 13 Sep, 2024

हिंदी में दलील

आज सुप्रीम कोर्ट में एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान हिंदी में दलील देने पर सुप्रीम कोर्ट ने एक शख्स से आपत्ति जाहिर की.

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सुप्रीम कोर्ट

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट को अपने केस के बारे में बताया और इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का जिक्र किया.

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अदालत की भाषा

याचिकाकर्ता की दलील पूरी होने पर जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने संयमित भाव में याचिकाकर्ता से कहा कि वे हिंदी में अदालत में दलील नहीं दे सकते हैं.

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कार्यवाही की भाषा अंग्रेजी

जस्टिस ने कहा कि अदालत की कार्यवाही की भाषा अंग्रेजी है, आप व्यक्तिगत तौर पर पेश हुए हैं, इसलिए हमने आपको रोका नहीं,

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दलील देने से पहले

ताकि आप जो कहना चाहें वह कह सकें. आपको हिंदी में दलील देने से पहले यह पता करना चाहिए था कि अदालत आपकी बात समझने में सक्षम है या नहीं

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जस्टिस की बात से सहमति

जस्टिस की बात से व्यक्ति सहमति होते हुए व्यक्ति ने अपनी दलील अंग्रेजी में रखी.

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संविधान की आर्टिकल 348

बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 348 कहती है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में कार्यवाही की भाषा हिंदी है, जब तक कि संसद इसमें कोई संशोधन ना करें.

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खंडपीठ

बता दें कि इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट को भाषा की चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, तब जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस ऋषिकेश रॉय की खंडपीठ ने याची को बताया कि अदालत की भाषा अंग्रेजी है.

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