कब बोलने की आजादी कब वल्गैरिटी में बदल जाती है?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 03 Mar, 2025

Ranveer allahabadia

इडियाज गॉट लेटेंट शो पर जजेस के द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी को लेकर ना सिर्फ आम नागरिकों में रोष है,

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सुप्रीम कोर्ट

बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने भी केन्द्र से उन बिंदुओं पर विचार करने को कहा है कि जब बोलने व अभिव्यक्ति की आजादी की वल्गैरिटी में तब्दील हो जाती है.

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बोलने की आजादी कब वल्गैरिटी होगी?

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र को Freedom of Speech के पहलु को रेगुलेट करने की शक्ति देने से इंकार किया है. आइये जानते हैं कि अदालत ने क्या कहा...

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केन्द्र ने जताई आपत्ति

आज केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इलाहाबा.दिया का कमेंट न केवल अश्लील थीं, बल्कि विकृत भी थीं

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भविष्य में ना हो ऐसी घटना

उन्होंने सुनवाई कर रही पीठ से कहा कि भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए अतिरिक्त नियम बनाए जाने की आवश्यकता हो सकती है,

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अतिरिक्त नियम बनाने की मांग

उन्होंने सुनवाई कर रही पीठ से कहा कि भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए अतिरिक्त नियम बनाए जाने की आवश्यकता हो सकती है,

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नैतिक वैल्यू

केन्द्र ने कहा कि हमारी नैतिकता के विचार अन्य देशों से बहुत भिन्न हैं. अमेरिका में, झंडा जलाना पहले संशोधन के तहत एक मौलिक अधिकार है, जबकि हमारे यहां एक अपराध है.

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सेंसरशिप ना लगे

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम किसी भी नियामक व्यवस्था (Regulatory Mechanism) के पक्ष में नहीं हैं जो सेंसरशिप को बढ़ाता हो,

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वल्गैरिटी को रोकने की जरूरत

लेकिन इसे इस तरह से खुले मंच की तरह नहीं छोड़ सकते.

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अनुच्छेद 19 (4)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आप अनुच्छेद 19(4) को देखें, तो इसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सार्वजनिक व्यवस्था या नैतिकता की पाबंदियां शामिल हैं.

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अपवादों का लागू करें

अदालत ने SG मेहता से अनुरोध किया कि वे सुझाव दें कि कैसे स्वतंत्र भाषण के लिए उचित अपवादों को सही ढंग से लागू किया जा सकता है.

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मौलिक अधिकार का भी हनन ना हो

वे ऐसे उपायों पर विचार करें जो न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन न करें, बल्कि यह भी सुनिश्चित करें कि वह उपाय अनुच्छेद 19(4) के दायरे में हो.

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लोगों की राय जरूर लें

सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए केन्द्र ड्रॉफ्ट को तैयार पब्लिक डोमेन में रखें और लोगों की विचार सुने.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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