इडियाज गॉट लेटेंट शो पर जजेस के द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी को लेकर ना सिर्फ आम नागरिकों में रोष है,
Image Credit: my-lord.inबल्कि सुप्रीम कोर्ट ने भी केन्द्र से उन बिंदुओं पर विचार करने को कहा है कि जब बोलने व अभिव्यक्ति की आजादी की वल्गैरिटी में तब्दील हो जाती है.
Image Credit: my-lord.inहालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र को Freedom of Speech के पहलु को रेगुलेट करने की शक्ति देने से इंकार किया है. आइये जानते हैं कि अदालत ने क्या कहा...
Image Credit: my-lord.inआज केन्द्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इलाहाबा.दिया का कमेंट न केवल अश्लील थीं, बल्कि विकृत भी थीं
Image Credit: my-lord.inउन्होंने सुनवाई कर रही पीठ से कहा कि भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए अतिरिक्त नियम बनाए जाने की आवश्यकता हो सकती है,
Image Credit: my-lord.inउन्होंने सुनवाई कर रही पीठ से कहा कि भविष्य में ऐसे विवादों से बचने के लिए अतिरिक्त नियम बनाए जाने की आवश्यकता हो सकती है,
Image Credit: my-lord.inकेन्द्र ने कहा कि हमारी नैतिकता के विचार अन्य देशों से बहुत भिन्न हैं. अमेरिका में, झंडा जलाना पहले संशोधन के तहत एक मौलिक अधिकार है, जबकि हमारे यहां एक अपराध है.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम किसी भी नियामक व्यवस्था (Regulatory Mechanism) के पक्ष में नहीं हैं जो सेंसरशिप को बढ़ाता हो,
Image Credit: my-lord.inलेकिन इसे इस तरह से खुले मंच की तरह नहीं छोड़ सकते.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि आप अनुच्छेद 19(4) को देखें, तो इसमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सार्वजनिक व्यवस्था या नैतिकता की पाबंदियां शामिल हैं.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने SG मेहता से अनुरोध किया कि वे सुझाव दें कि कैसे स्वतंत्र भाषण के लिए उचित अपवादों को सही ढंग से लागू किया जा सकता है.
Image Credit: my-lord.inवे ऐसे उपायों पर विचार करें जो न केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन न करें, बल्कि यह भी सुनिश्चित करें कि वह उपाय अनुच्छेद 19(4) के दायरे में हो.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए केन्द्र ड्रॉफ्ट को तैयार पब्लिक डोमेन में रखें और लोगों की विचार सुने.
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!