Parental Alienation Syndrome को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जो बातें कहीं है, वह पैरेंट्स की नींदे उड़ा देगी

Satyam Kumar

Source: my-lord.in | 12 May, 2024

Parental ALienation Syndrome (5)

बच्चों की कस्टडी से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने Parental Alienation Syndrome को लेकर बेहद अहम टिप्पणी की है.

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सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस सतीश शर्मा की डिवीजन बेंच ने अभिवावक अलगाव सिड्रोंम (PAS) पर चिंता जाहिर की.

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आरोप से बचें

बेंच ने कहा, बिना किसी ठोस आधार के माता-पिता का एक-दूसरे पर यह आरोप लगाना उचित नहीं कि कस्टडी लेने वाला पक्ष बच्चे को दूर रहने के लिए भड़का रहा है.

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क्या होता है PAS?

PAS एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चे की कस्टडी रखने वाले गार्जियन दूसरे पैरेंट्स के प्रति भड़काते हैं.

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भयावह

अदालत ने स्थिति को भयावह बताया है. पैरेंट्स को इस स्थिति से बचने के निर्देश दिए हैं.

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व्यवहार की हो पहचान

बेंच ने कहा कि माता-पिता के अलग होने पर अलगावपूर्ण तरीकों की व्यवहारिक तौर पर पहचना करने की पहल की जानी चाहिए.

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विवेकपूर्ण फैसला

जिससे बच्चों द्वारा बताई गई बातों पर के आधार पर विवेकपूर्ण फैसला लिया जा सके.

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ट्रायल कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बदलते हुए ट्रायल कोर्ट के फैसले को लागू किया,

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बच्चे की कस्टडी

जिसमें दो नाबालिग बच्चों की कस्टडी को पिता को दी गई थी.

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