ऑफिस में बॉस की डांट कोई अपराध नहीं! SC की दो टूक

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 17 Feb, 2025

बॉस की डांट अपराध नहीं!

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऑफिस में काम से संबंधित गलतियों के लिए पड़ी बॉस से पड़ी डांट-फटकार को भारतीय दंड संहिता की धारा 504 के तहत आपराधिक अपराध नहीं माना जा सकता है.

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बॉस के खिलाफ मुकदमा खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय संस्थान के निदेशक के खिलाफ आपराधिक मामले को खारिज करते हुए कहा कि अनुशासन बनाए रखने की कोशिशों के लिए आपराधिक आरोपों का सामना करना कार्यस्थल के अनुशासनात्मक माहौल को नष्ट कर सकता है.

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कर्मचारी को फटकार

अदालत ने राष्ट्रीय मानसिक विकलांगता सशक्तिकरण संस्थान (NIEPID) के निदेशक के खिलाफ मामले को खारिज कर दिया, जिन्होंने कार्य में मिलती शिकायतों के बाद एक कर्मचारी को डांट लगाया था.

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काम में गड़बड़ी

यह मामला तब घटित हुआ, जब छात्रों के अभिभावकों ने उस कर्मचारी की कार्य में लापरवाही की शिकायत की थी। न्यायालय ने कहा कि ऐसे मामलों में अनुशासन बनाए रखना आवश्यक है, अन्यथा कार्यस्थल का माहौल बिगड़ जाएगा.

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अनुशासन जरूरी

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, अनुशासन बनाए रखने के लिए कार्रवाई आवश्यक है, शिकायतों का समाधान करना आवश्यक है अन्यथा अनुशासन भंग हो सकता है.

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आईपीसी की धारा 504

कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि 'सिर्फ अपशब्द, असभ्यता या अभद्रता' को जानबूझकर अपमान नहीं माना जा सकता है, जब तक कि अपमान का इरादा न हो और यदि आरोपी का अपमान देने का इरादा नहीं है, तो आईपीसी की धारा 504 के तहत अपराध नहीं बनता.

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कर्मचारियों की अनुशासनहीनता

कोर्ट ने कहा कि यदि नियोक्ता या वरिष्ठ अधिकारी (Senior Employee) कर्मचारी के कार्य प्रदर्शन पर सवाल नहीं उठाते हैं, तो इससे अन्य कर्मचारियों की अनुशासनहीनता (Employee's Misconduct) को बढ़ावा मिल सकता है.

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