हाल ही में जस्टिस बीआर गवई ने अपने रिजर्वेशन में सब-कैटेगरी मामले में अपने फैसले से चर्चा में रहें. इस मामले में बीआर गवाई ने कहा कि एक दलित अधिकारी के बेटे की तुलना किसी जिला परिषद की स्कूल में पढ़ रहे दलित आदमी के बच्चे से नहीं की जा सकती है.
Source: my-lord.inजस्टिस बीआर गवई सुप्रीम कोर्ट के पिछले नौ सालों में पहले दलित जज बनें है. उन्होंने भी कैटेगरी के अंदर सब-कैटेगरी बनाने में सहमति दी है.
Source: my-lord.inजस्टिस बीआर गवई हमेशा से ही अपने फैसले और कानून की व्याख्या करने में अपनी अलग पहचान बनाई है. आइये जानते हैं जस्टिस गवई के दस ऐतिहासिक फैसले के बारे में, जिसे उन्होंने खुद लिखा है या फैसला सुनाने वाली पीठ का हिस्सा रहें.
Source: my-lord.inबेंच ने बिना मुहर लगे मध्यस्थता समझौते की वैधता को बरकरार रखा. उन्होंने कहा कि मुहर न लगाना एक ऐसा दोष है जिसे ठीक किया जा सकता है, जिससे समझौता पूरी तरह से अमान्य नहीं हो जाता.
Source: my-lord.inसंविधान पीठ ने केंद्र द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखा. उन्होंने तर्क दिया कि यह प्रावधान जम्मू और कश्मीर के भारत में एकीकरण को सुनिश्चित करने के लिए एक अस्थायी उपाय था.
Source: my-lord.inइस फैसले ने उस उच्च स्तर के सबूत को काफी हद तक कम कर दिया है जो पहले किसी अधिकारी को अवैध रिश्वत मांगने के लिए दोषी ठहराने के लिए आवश्यक था.
Source: my-lord.in2 जनवरी, 2023 को संविधान पीठ ने 4:1 के बहुमत से केंद्र सरकार की 2016 की नोटबंदी योजना को बरकरार रखा. न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने असहमति जताते हुए अपनी राय दी.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने माना कि तमिलनाडु में वन्नियारों को सबसे पिछड़े वर्ग की श्रेणी में शिक्षा और रोजगार में आरक्षण देना असंवैधानिक है. न्यायालय ने कहा कि आरक्षण पिछड़ेपन पर अनुभवजन्य आंकड़ों (Empirical Data) द्वारा समर्थित नहीं था.
Source: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अधिनियम, 2021 और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) अधिनियम, 2021 को बरकरार रखा, जो केंद्र को सीबीआई और ईडी निदेशकों के कार्यकाल को बढ़ाने की अनुमति देता है. बेंच ने माना कि संजय कुमार मिश्रा को दिया गया विस्तार अवैध था और उसके 2021 के फैसले के विपरीत था.
Source: my-lord.inसंविधान पीठ ने कहा कि सरकारी अधिकारियों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को किसी अन्य व्यक्ति के मौलिक अधिकारों के पक्ष में प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता. हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य का यह दायित्व है कि वह नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करे, यहां तक कि गैर-सरकारी तत्वों जैसे अन्य निजी व्यक्तियों के खिलाफ भी.
Source: my-lord.inअदालत ने प्रशांत भूषण पर 1 रुपये का जुर्माना लगाया. इसके अलावा, जुर्माना न भरने की स्थिति में भूषण को 3 महीने की कैद की सजा होगी और 3 साल के लिए वकालत करने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. प्रशांत भूषण ने इस जुर्माने को भर दिया. और फैसले को लेकर एक रिव्यू पीटिशन भी दायर किया है.
Source: my-lord.inसर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि चुनावी बांड योजना मतदाताओं के सूचना के अधिकार का उल्लंघन करने के कारण असंवैधानिक है.
Source: my-lord.inसर्वोच्च न्यायालय ने माना कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणियों का उप-वर्गीकरण स्वीकार्य है और राज्यों को ये उप-वर्गीकरण बनाने का अधिकार है.
Source: my-lord.inजस्टिस बीआर गवई मई 2025 से नवंबर 2025 तक भारते के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे.
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