पत्नी ने मार-मारकर की पति की हत्या, SC ने फिर क्यों किया रिहा?

Ananya Srivastava

Image Credit: my-lord.in | 02 Aug, 2023

सुप्रीम कोर्ट में मामला

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति बीआर गवई और जे बी पारदीवाला की पीठ के समक्ष एक मामला आया जिसमें पत्नी ने अपने पति को मार-मारकर उसकी हत्या कर दी

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SC ने हटाया मर्डर का आरोप

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के तहत मिली दोषी की सजा को धारा 304 आईपीसी (गैर इरादतन हत्या) में बदल दिया है

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'छड़ी' नहीं है घातक हथियार

पीठ ने नोट किया कि अपराध में इस्तेमाल किया गया हथियार एक छड़ी थी जो घर में पड़ी थी और कहा कि किसी भी तरह से छड़ी को "घातक हथियार" नहीं कहा जा सकता

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हिमाचल HC ने सुनाई थी ये सजा

2022 में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें अपीलकर्ता को आईपीसी की धारा 302 और 201 के तहत दंडनीय अपराधों के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी

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सुप्रीम कोर्ट ने अपील को दी मंजूरी

सुप्रीम कोर्ट ने अपील की अनुमति दी और संदेह का लाभ यह कहते हुए बढ़ा दिया कि किया गया अपराध आईपीसी की धारा 300 के अपवाद के तहत आएगा, 302 आईपीसी के तहत नहीं

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उच्चतम न्यायालय ने महिला को किया रिहा

महिला को रिहा करते हुए पीठ ने कहा, "अपीलकर्ता को लगभग 9 साल की अवधि के लिए पहले ही कैद में रखा जा चुका है और इसलिए हम पाते हैं कि पहले से ही सुनाई गई सजा न्याय के उद्देश्य को पूरा करेगी

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क्या था मामला?

दरअसल उनकी बेटी ने राष्ट्रीय कैडेट कोर शिविर में भाग लेने के लिए 500 रुपये मांगे थे जिसे देने से पति ने इनकार कर दिया था; इसी विषय पर पति-पत्नी के बीच लड़ाई शुरू हुई थी

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सुनवाई के दौरान सामने आई ये बात

पूछताछ में यह भी पता चला कि पति झगड़ालू स्वभाव का था और आए दिन अपनी पत्‍नी से मारपीट करता था; कोर्ट ने कहा कि यह भी हो सकता है कि पत्नी को इस मामले में उकसाया गया है जिसके बाद यह सबकुछ हुआ हो

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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