शंभू बॉर्डर खुलेगा या नहीं? हरियाणा सरकार की याचिका पर SC ने क्या बताया

Satyam Kumar

Source: my-lord.in | 16 Jul, 2024

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हरियाणा सरकार की उस याचिका पर सुनवाई 22 जुलाई के लिए टाल दी, जिसमें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के हालिया अंतरिम आदेश को चुनौती दी गई है,

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पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर प्रायोगिक तौर पर शंभू बॉर्डर खोलने का निर्देश दिया था ताकि आम जनता को असुविधा से निजात मिल सके.

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फरवरी में, हरियाणा सरकार ने अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिए थे, जब किसान संघों ने घोषणा की थी कि किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में दिल्ली तक मार्च करेंगे.

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उच्च न्यायालय ने 10 जुलाई के अपने आदेश में कहा कि सीमा पंजाब और हरियाणा तथा दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच नागरिकों की आवाजाही के लिए 'जीवन रेखा' है, तथा इसके बंद होने से आम जनता को भारी असुविधा हो रही है.

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हरियाणा सरकार की अपील में कहा गया कि उच्च न्यायालय ने जमीनी स्थिति की गंभीरता को समझे बिना 'प्रयोगिक तौर ' पर ऐसा निर्देश पारित किया.

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आक्षेपित अंतरिम आदेश से हरियाणा राज्य में कानून और व्यवस्था पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है तथा शंभू बॉर्डर के आसपास तथा हरियाणा के अन्य भागों में जान-माल को खतरा है, जिसकी रक्षा करना राज्य सरकार, अर्थात याचिकाकर्ता, संविधान के तहत कर्तव्यबद्ध है.

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उच्च न्यायालय ने आंदोलनकारियों के खिलाफ कोई निर्देश पारित किए बिना शंभू सीमा को खोलने का निर्देश 'प्रयोगिक आधार' पर दिया है.

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अपील में कहा गया है, 'इन और अन्य सूचनाओं के आधार पर शंभू बार्डर को अवरुद्ध या खोलना राज्य द्वारा तय किया जाना है

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आंदोलनकारियों को राष्ट्रीय राजमार्ग से हटाने की याचिका के बावजूद, उच्च न्यायालय ने आंदोलनकारियों के खिलाफ कोई निर्देश पारित किए बिना शंभू सीमा को खोलने का निर्देशप्रयोगिक तौर पर दिया है.

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12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने एक संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से बैरिकेड हटाने को कहा और हाईवे को रोकने के उसके अधिकार पर सवाल उठाया.

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