जस्टिस यशवंत वर्मा वर्तमान में दिल्ली हाई कोर्ट के तीसरे सबसे सीनियर जज हैं और हाई कोर्ट कॉलेजियम का हिस्सा हैं.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस यशवंत वर्मा के पास वकील के तौर पर 22 साल और हाई कोर्ट के जज के रूप में 10 साल का अनुभव है.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस वर्मा का जन्म 6 जनवरी, 1969 को इलाहाबाद में हुआ था. उन्होंने मध्य प्रदेश के रीवा विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और अगस्त 1992 में वकील के रूप में रजिट्रेशन कराया.
Image Credit: my-lord.inएडवोकेट के रूप में जस्टिस यशवंत वर्मा ने मुख्य रूप से इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने संवैधानिक, श्रम और औद्योगिक कानून, कॉर्पोरेट कानून, और टैक्स से जुड़े मामलों में प्रैक्टिस की.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस वर्मा 2012 से अगस्त 2013 तक उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्य स्थायी वकील के रूप में कार्य किया और कोर्ट द्वारा सीनियर वकील के रूप में नियुक्त किए गए.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस वर्मा ने अक्टूबर 2014 में हाई कोर्ट के एडिशनल जज के रूप में पदोन्नति प्राप्त की और फरवरी 2016 में परमानेंट जज बनाए गए.
Image Credit: my-lord.inइसके पांच साल बाद उनका ट्रांसफर दिल्ली हाई कोर्ट में कर दिया गया. वहीं, कैश मिलने की अटकलों को देखते हुए कॉलेजियम ने उन्हें इलाहाबाद हाई कोर्ट में भेजने की सिफारिश की थी, बता दें कि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
Image Credit: my-lord.inबता दें कि यशवंत वर्मा की बेंच ने फैसला सुनाया है कि ED केवल धन शोधन के मामलों की जांच कर सकती है और उसके पास अन्य अपराधों की जांच का अधिकार नहीं है. साथ ही जस्टिस वर्मा के बेंच ने ही भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के खिलाफ आयकर पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की गई.
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