लिविंग विल एक ऐसा डाक्यूमेंट्स है, जो मेडिकल ट्रीटमेंट के बारे में किसी व्यक्ति की इच्छाओं के बारे में बताती है.
Source: my-lord.inलिविंग विल एक एडवांस मेडिकल डायरेक्टिव है. और उस वक्त काम करता है, जब व्यक्ति अपने लिए फैसला लेने में सक्षम ना हो.
Source: my-lord.inइस कड़ी में गोवा देश का पहला राज्य बना जिसने लिविंग विल यानि जीवित वसीयत दर्ज की है.
Source: my-lord.inबॉम्बे हाईकोर्ट के गोआ बेंच के जस्टिस एम.एस. सोनक ने शुक्रवार को अपनी लिविंग बिल रजिस्टर्ड कराई है.
Source: my-lord.inलिविंग बिल एक एडवांस मेडिकल केयर प्लानिंग है, जो व्यक्ति के मानसिक रूप से फैसले से अक्षम होने पर काम करती है.
Source: my-lord.inलिविंग बिल परिवार के सदस्यों की अनुमति देती है कि वे व्यक्ति की जगह उसके मेडिकल ट्रीटमेंट के फैसले लें.
Source: my-lord.inलिविंग बिल, साल 2018 के बाद सुप्रीम कोर्ट के निष्क्रिय इच्छामृत्यु (Passive Euthansia) के फैसले को वैध बनाने के बाद आया.
Source: my-lord.inलेकिन यह केवल लिविंग बिल रखने वाले व्यक्ति को इजाजत देती है.
Source: my-lord.inक्योंकी संविधान के आर्टिकल 21 के तहत किसी भी व्यक्ति को उसके जीवन के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता.
Source: my-lord.inलिविंग बिल के बाद बीमार व्यक्ति की स्थिति सुधार नहीं होने पर उनकी ट्रीटमेंट को लेकर उनके परिवार वाले फैसला ले सकते हैं.
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