मलयालय फिल्मों में महिला अभिनेत्रियों की स्थिति नरक जैसी, जस्टिस हिमा कोहली कमेटी की रिपोर्ट ने किया खुलासा

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 20 Aug, 2024

मलयालय फिल्म इंडस्ट्री

मलयालय फिल्मों में कार्यरत महिलाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट जस्टिस हिमा कोहली अगुवाई वाली कमेटी की रिपोर्ट सामने आ गई है.

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जस्टिस हिमा कोहली

जस्टिस हिमा कोहली कमेटी की रिपोर्ट में मलयालम फिल्मों महिलाओं की बदतर स्थिति, कास्टिंग काउच और 15 पुरूषों के डोमिनांट ग्रुप की चर्चा की गई है, जो फिल्म इंडस्ट्री में अपना वर्चस्व रखते हैं.

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इंडस्ट्री में महिला अभिनेत्री

केरल सरकार ने सोमवार को न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट जारी की, जिसमें मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की कामकाजी स्थितियों पर गौर किया गया.

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RTI के बाद आई रिपोर्ट

295 पन्नों में से 63 पन्नों को हटाने के बाद आरटीआई अधिनियम के तहत जारी की गई रिपोर्ट में निर्देशकों, निर्माताओं और एक्टर्स सहित 15 बड़े शॉट्स से जुड़े एक मेल ग्रुप का पता चलता है.

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किसे फिल्म मिलेगी?

रिपोर्ट में कहा गया है कि पावर ग्रुप यह तय करता है कि किसे इंडस्ट्री में रहना चाहिए और किसे फिल्मों में लेना चाहिए.

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महिलाओं को लेकर गलत नजरिया

रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा में महिलाओं के प्रति एक गलत नजरिए को भी देखा गया और इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच सिंड्रोम की भी पुष्टि की.

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कास्टिंग काउच

रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्देशक और मेकर्स अक्सर महिलाओं पर शोषणकारी स्थितियों के लिए दबाव डालते हैं, जो महिलाएं उनकी शर्तों से सहमत होती हैं, उन्हें कोड नाम से बुलाया जाता है 'सहयोगी कलाकार.

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महिलाओं अभिनेत्रियों ने बताया

जस्टिस हिमा कोहली की रिपोर्ट ने बतया गया है कि इन बातों का खुलासा रोल्स के लिए अपनी ईमानदारी से समझौता करने वाली महिलाओं ने बताया है.

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