मलयालय फिल्मों में कार्यरत महिलाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट जस्टिस हिमा कोहली अगुवाई वाली कमेटी की रिपोर्ट सामने आ गई है.
Source: my-lord.inजस्टिस हिमा कोहली कमेटी की रिपोर्ट में मलयालम फिल्मों महिलाओं की बदतर स्थिति, कास्टिंग काउच और 15 पुरूषों के डोमिनांट ग्रुप की चर्चा की गई है, जो फिल्म इंडस्ट्री में अपना वर्चस्व रखते हैं.
Source: my-lord.inकेरल सरकार ने सोमवार को न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट जारी की, जिसमें मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की कामकाजी स्थितियों पर गौर किया गया.
Source: my-lord.in295 पन्नों में से 63 पन्नों को हटाने के बाद आरटीआई अधिनियम के तहत जारी की गई रिपोर्ट में निर्देशकों, निर्माताओं और एक्टर्स सहित 15 बड़े शॉट्स से जुड़े एक मेल ग्रुप का पता चलता है.
Source: my-lord.inरिपोर्ट में कहा गया है कि पावर ग्रुप यह तय करता है कि किसे इंडस्ट्री में रहना चाहिए और किसे फिल्मों में लेना चाहिए.
Source: my-lord.inरिपोर्ट में मलयालम सिनेमा में महिलाओं के प्रति एक गलत नजरिए को भी देखा गया और इंडस्ट्री में कास्टिंग काउच सिंड्रोम की भी पुष्टि की.
Source: my-lord.inरिपोर्ट में कहा गया है कि निर्देशक और मेकर्स अक्सर महिलाओं पर शोषणकारी स्थितियों के लिए दबाव डालते हैं, जो महिलाएं उनकी शर्तों से सहमत होती हैं, उन्हें कोड नाम से बुलाया जाता है 'सहयोगी कलाकार.
Source: my-lord.inजस्टिस हिमा कोहली की रिपोर्ट ने बतया गया है कि इन बातों का खुलासा रोल्स के लिए अपनी ईमानदारी से समझौता करने वाली महिलाओं ने बताया है.
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