अदालत में किसी मामले की सुनवाई पुलिस के चार्जशीट दायर करने के बाद शुरू की जाती है.
Source: my-lord.inभारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSSS) की धारा 187 के अनुसार, शिकायत दर्ज होने के 90 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट यानि चार्जशीट अदालत को सौंपती है.
Source: my-lord.inजिला अदालत में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट अपराधिक मामलों की सुनवाई करते हैं.
Source: my-lord.inसबसे पहले मजिस्ट्रेट मुकदमे का संज्ञान लेकर दोनों पक्षों को अदालत के सामने मौजूद रहने को कहता है.
Source: my-lord.inभारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 227, आरोपी की हाजिरी के लिए समन या वारंट के आधार पर जारी करता है.
Source: my-lord.inहाजिर होने के बाद अदालत आरोपी को व्यक्तिगत पेशी से मुक्ति दे सकता है.
Source: my-lord.inमजिस्ट्रेट की यह शक्ति उनके विवेकाधिकार के अधीन हैं.
Source: my-lord.inवहीं अदालत में कार्यवाही शुरू होने को लेकर आरोपी चार्जशीट की मांग कर सकते हैं,
Source: my-lord.inक्योंकि न्याय व्यवस्था दोनों पक्षों को अपनी-अपनी बात रखने का अधिकार देती है.
Source: my-lord.inइस तरह से मजिस्ट्रेट किसी अपराधिक मामले को संज्ञान में लेकर उसकी कार्यवाही शुरू करते हैं.
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