लोकसभा स्पीकर का चुनाव कैसे होता है?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 17 Jun, 2024

लोकसभा स्पीकर

लोकसभा स्पीकर (अध्यक्ष) का चुनाव एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो भारतीय संसद के निचले सदन, लोकसभा, के सुचारू संचालन के लिए आवश्यक है.

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राष्ट्रपति

आम चुनाव के बाद जब नई लोकसभा का गठन होता है, तो राष्ट्रपति द्वारा नए सदन का पहला सत्र बुलाया जाता है. इस सत्र में सबसे पहले लोकसभा के सदस्यों को शपथ दिलाई जाती है.

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शपथ समारोह

शपथ के बाद सदन की पहले सत्र बुलाई जाती है, जिसमें लोकसभा स्पीकर के चयन को लेकर नामांकन प्रक्रिया शुरू की जाती है.

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भारतीय संविधान

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 93 में लोकसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) और उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) के चुनाव से संबंधित प्रावधान हैं.

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दस सांसदों का समर्थन

स्पीकर पद के नामांकन के लिए कम से कम 50 सांसदों के हस्ताक्षर और दस सांसदों के समर्थन की आवश्यकता होती है.

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चुनावी प्रक्रिया

यदि केवल एक ही उम्मीदवार है, तो उसे निर्विरोध चुना जाता है. यदि एक से अधिक उम्मीदवार होते हैं, तो चुनाव प्रक्रिया अपनाई जाती है.

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गुप्त मतदान

चुनाव गुप्त मतदान के माध्यम से होता है और प्रत्येक सांसद को एक वोट डालने का अधिकार होता है.

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विजेता की घोषणा

जिस उम्मीदवार को सदन के अधिकांश सदस्यों के वोट प्राप्त होते हैं, उसे स्पीकर चुना जाता है.चुनाव के परिणाम की घोषणा सदन में की जाती है.

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नव-निर्वाचित स्पीकर

नव-निर्वाचित स्पीकर अपनी सीट ग्रहण करता है और सदन का संचालन शुरू करता है.

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