कांग्रेस की वर्किंग कमेटी ने राहुल गांधी के नाम का अनुमोदन नेता प्रतिपक्ष के तौर पर किया है. हालांकि, राहुल गांधी ने इस बात की स्वीकृति नहीं दी है.
Image Credit: my-lord.inकांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में 99 सीटें जीतने के बाद 'मावलंकर नियम' से नेता प्रतिपक्ष चुनने को दावा रखती है. आइये जानते हैं कि नेता प्रतिपक्ष के चयन से जुड़े विशेष तथ्य....
Image Credit: my-lord.inनेता प्रतिपक्ष सदन का वह सदस्य होता है जो उस पार्टी का नेता होता है जो सरकार से बाहर होती है.
Image Credit: my-lord.inजिसने लोकसभा चुनाव में अधिकतम सीटें जीती होती हैं, लेकिन सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत नहीं जुटा पाई होती.
Image Credit: my-lord.inनेता प्रतिपक्ष के रूप में चुने जाने के लिए विपक्षी दल के पास सदन की कुल सदस्य संख्या का कम से कम 10% होना अनिवार्य है. यानि कि 54.
Image Credit: my-lord.inविपक्षी दल अपने नेता का चुनाव करते हैं, और इस नाम को सदन के अध्यक्ष (लोकसभा के मामले में स्पीकर और राज्यसभा के मामले में चेयरमैन) के पास स्वीकृति के लिए भेजते हैं.
Image Credit: my-lord.inनेता प्रतिपक्ष का चुनाव सदन के पहले सत्र में की जाती है. नेता प्रतिपक्ष का चुनाव लोकसभा स्पीकर के चयन के बाद होता है.
Image Credit: my-lord.inअध्यक्ष ( यहां लोकसभा स्पीकर) नेता प्रतिपक्ष के नाम की पुष्टि करते हैं, और यह व्यक्ति विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता प्राप्त करता है.
Image Credit: my-lord.inविपक्ष के नेता को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिलता है. वे संसद की विभिन्न समितियों में शामिल होते हैं और कई मुद्दों पर सलाह-मशविरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
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