'दूसरी शादी के बाद भी पहली पत्नी के लिए बाध्य है पति'

Ananya Srivastava

Image Credit: my-lord.in | 01 Aug, 2023

कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामला

कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक मामला आया जिसमें पत्नी ने सेशन्स कोर्ट के फैसले को चुनौती दी; उनके पति द्वारा उन्हें मिलने वाली मेंटेनेंस को इसलिए कम कर दिया गया था क्योंकि पति की दूसरी शादी हो गई थी

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'दूसरी शादी के बाद भी पहली पत्नी के लिए बाध्य है पति'

अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर एक व्यक्ति पर्सनल लॉ के तहत दूसरी शादी करता है, तब भी अपनी पहली पत्नी का ध्यान रखना उसकी जिम्मेदारी है, वो ऐसा करने के लिए बाध्य है

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जस्टिस शम्पा पॉल ने कही ये बात

न्यायाधीश शम्पा दत्त पॉल की एकल पीठ ने कहा कि एक महिला जिसने इतने सालों तक परिश्रमपूर्वक, ईमानदारी और प्यार से अपने पति के साथ समय बिताया है, वह तब तक देखभाल की हकदार है, जब तक उसे इसकी आवश्यकता है

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अदालत का फैसला

बता दें कि सबसे पहले फैमिली कोर्ट ने आदेश दिया था कि पति पहली पत्नी को 6,000 रुपये मासिक मेंटेनेंस देंगे; इस फैसले को खारिज करके सेशन्स कोर्ट ने मेंटेनेंस राशि को 4,000 रुपये कर दिया। अब हाईकोर्ट ने राशि को बढ़ाकर वापस छह हज रूपये कर दिया है

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जानें क्या था पूरा मामला

याचिकाकर्ता यानी पहली पत्नी ने अपने पति से अक्टूबर, 2003 में शादी की थी लेकिन अक्टूबर, 2012 में उसे घर से इसलिए निकाला गया क्योंकि ससुराल वालों की दहेज की मांगें पूरी नहीं हुई थीं। पति ने कथित तौर पर दूसरी शादी भी कर ली थी

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