दिल्ली हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न और जिस्मफरोशी के आरोप में हिरासत में लिए गए मैनेजर की गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए जमानत दी है.
Image Credit: my-lord.inदिल्ली हाई कोर्ट ने जोर देकर कहा कि गिरफ्तारी के समय व्यक्ति को उसके गिरफ्तारी के आधार बताना आवश्यक है.
Image Credit: my-lord.inइस दौरान अदालत ने सीआरपीसी की धारा 50 के तहत 'फौरन' शब्द की व्याख्या की.
Image Credit: my-lord.inआरोपी व्यक्ति ने अपनी 17 मई 2024 के दिन गिरफ्तारी और 18 मई 2024 को रिमांड में भेजे जाने को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी,
Image Credit: my-lord.inअदालत ने पाया कि गिरफ्तारी करने वाले जांच अधिकारी और मैजिस्ट्रेट ने भी इस कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं किया.
Image Credit: my-lord.inजमानत देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पुलिस थाने में मामले की जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है.
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