अदालत ने कई मौकों पर कहा है कि सुसाइड नोट में नाम होने से ही कोई व्यक्ति दोषी नहीं हो जाता है.
Image Credit: my-lord.inइस मामले की बात करें तो दिल्ली हाईकोर्ट ने सुसाइड से जुड़े इस मामले में टिप्पणी की कि केवल सुसाइड नोट में नाम होने से किसी का आरोप साबित नहीं होता.
Image Credit: my-lord.inदिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि सुसाइड नोट में किसी का नाम लेना उस शख्स को आत्महत्या के लिए उकसाना और हत्या के मुकदमे के लिए दोषी नहीं बना देता है.
Image Credit: my-lord.inवैवाहिक विवाद से जुड़े इस मामले में पति-पत्नी की लड़ाई में लड़के के पिता (ससुर) ने आत्महत्या कर ली थी,
Image Credit: my-lord.inजिसे लेकर सास (लड़के की मां) ने अपनी बहू व उसके माता-पिता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
Image Credit: my-lord.inदिल्ली हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि दावों को साबित करने के लिए तथ्य नहीं मिले हैं.
Image Credit: my-lord.inइसी दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि मात्र सुसाइड नोट में ये लिखा देना कि अमुक व्यक्ति उसकी मौत का कारण है, सजा सुनाने के लिए काफी नहीं है.
Image Credit: my-lord.inयाचिका खारिज करते हुए कहा कि आत्महत्या के लिए किए गए कार्य व आत्महत्या के बीच संबंध जोड़ने के कारण होने चाहिए.
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