अदालत से हताश होकर लोग आपस में कर लेते है सुलह: सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 04 Aug, 2024

सुप्रीम कोर्ट के 75वें स्थापना दिवस पर लोक अदालत का आयोजन किया गया. यह लोक अदालत 29 जुलाई से 3 अगस्त तक चली.

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इस विशेष अवसर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने अनुभव साझा किए, जो जजों को एक नया गोल और मुकदमे के निपटारे में गति लाने में मददगार होगा.

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सुप्रीम कोर्ट ने अपने सारगर्भित भाषण की शुरूआत लोक अदालत की महत्व को बताते हुए शुरू की. उसके बाद उन्होंने कानूनी क्षेत्र की असल स्थिति से चिंता जाहिर की.

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सीजेआई ने कहा कि अदालती प्रक्रिया ही लोगों के लिए सजा बन रही हैं. यह जजों के लिए चिंता का विषय हैं.

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लोग इतने त्रस्त हो जाते हैं कि वो कोई भी सेटलमेंट स्वीकार कर लेते हैं. जिससे बस वो किसी तरह कोर्ट से दूर चले जाएं.

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सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि मध्यस्थता और लोक अदालतों के माध्यम से विवादों के निपटारे में बहुत प्रणालीगत बहुत असमानताएं प्रतीत होती है,

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इसलिए लोक अदालत में बैठने वाले जज अक्सर कम रकम के मामलों को भी सुलझाने को तैयार नहीं होते हैं.

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इस वक्तव्य के दौरान सीजेआई ने जजों के ऊपर भारी वर्कलोड होने की बात भी कहीं.

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