पहले केस में कितनी मिली थी फीस? पुराने दिनों को याद करते हुए CJI ने बताया

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 23 Apr, 2024

CJI DY Chandrachud

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बार काउंसिल में नामांकन (एनरोल) करने की फीस से जुड़े मामले की सुनवाई हो रही थी.

Image Credit: my-lord.in

पुराने दिनों

बहस के दौरान, सीजेआई ने अपने पुराने दिनों को याद किया.

Image Credit: my-lord.in

4 गोल्ड मोहरें

अपने वकालत के दिनों को याद करते हुए CJI ने बताया, उन्हें पहले केस में फीस के तौर पर 4 गोल्ड की मोहरें मिले थे. उन दिनों 4 गोल्ड मोहरें का मूल्य 60 रूपये के बराबर था.

Image Credit: my-lord.in

पहला मुकदमा

सीजेआई ने आगे बताया, कि उन्होंने ये केस बॉम्बे हाईकोर्ट में जस्टिस सुजाता मनोहर की अदालत में लड़ा था.

Image Credit: my-lord.in

अलग प्रचलन

वाक्ये के दौरान सीजेआई ने बताया कि उन दिनों फीस देने का एक अलग चलन था,

Image Credit: my-lord.in

हरे रंग की डॉकेट

क्लाइंट की ओर से वकील को एक फाइल मिलती थी. इस फाइल में एक हरे रंग की डॉकेट होता था जिसमें फीस लिखने के लिए खाली जगह होती थी.

Image Credit: my-lord.in

GM

फीस लिखने की जगह पर GM का जिक्र रहता था, और वकील उसी में अपना फीस लिखा करते थे.

Image Credit: my-lord.in

पढ़ने के लिए धन्यवाद!

Next: तीन वर्षीय LLB पाठ्यक्रम की मांग पर SC ने सुनवाई से किया इंकार, जानिए क्या कहा?

अगली वेब स्टोरी