जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई (बीआर गवई) देश के 52वें सीजेआई बन चुके हैं. उन्हें आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हिंदी में शपथ दिलाई.
Image Credit: my-lord.inसीजेआई बनने से पहले वे अपने छह साल के सुप्रीम कोर्ट जज के कार्यकाल में वे 700 पीठों का हिस्सा बने. आइये जानते हैं जस्टिस बीआर गवई की अब तक का सफर...
Image Credit: my-lord.inजस्टिस बीआर गवई ने अपने लीगल सर्विस की शुरूआत 1985 में की थी, जब उन्होंने अपना एनरोलमेंट बार में कराया.
Image Credit: my-lord.in1987 तक अपने सीनियर और हाई कोर्ट के जस्टिस राजा भोंसले के साथ में प्रैक्टिस किया. इसके बाद तक उन्होंने स्वतंत्र रूप से काम किया.
Image Credit: my-lord.in1992 में एडिशनल पब्लिक प्रोसीक्यूटर और 2000 में पब्लिक प्रोसीक्यूटर के रूप में बॉम्बे हाई कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार की पैरवी की.
Image Credit: my-lord.inवहीं, 2003 में उन्हें एडिशनल जज बनाया गया. 2005 में वे बॉम्बे हाई कोर्ट परमानेंट जज बनें.
Image Credit: my-lord.inवहीं, साल 2019 में उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में पदोन्नत किया गया.
Image Credit: my-lord.inछह साल के बाद, मई 2025 में वे भारत के सीजेआई बने.
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