कलकत्ता हाईकोर्ट ने हाल ही में सुझाव दिया कि पुरूषों को भी महिला कर्मचारियों की तरह पैटरनिटी लीव दी जानी चाहिए.
Image Credit: my-lord.inकलकत्ता हाईकोर्ट ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि राज्य पुरूष-महिला के बीच में ये भेदभाव न करके दोनों के साथ एक-जैसा व्यवहार करें.
Image Credit: my-lord.inबच्चे के पालन-पोषण में माता-पिता की जिम्मेदारी का जिक्र करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि बच्चे की देखभाल के लिए दोनों पेरेंट जिम्मेदार है.
Image Credit: my-lord.inकलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल राज्य को लिंग भेद और समानता के आधार पर तीन महीने के भीतर इस पर कार्य करने की मांग की है.
Image Credit: my-lord.inकलकत्ता हाईकोर्ट ने ये बातें स्कूल टीचर अबू रेहान की याचिका पर सुनवाई के दौरान कहीं,
Image Credit: my-lord.inप्राइमरी स्कूल के अबू रेहान के दो बच्चे हैं, उनकी पत्नी का देहांत हो चुका है जिस वजह से वे चाइल्ड केयर लीव को लेकर उच्च न्यायालय गए.
Image Credit: my-lord.inवहीं पश्चिम बंगाल राज्य में अभी पुरूष कर्मचारियों को 30 दिन, तो महिला कर्मचारियों को 730 दिनों की चाइल्ड केयर लीव मिलती है.
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