बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों के साथ कथित यौन उत्पीड़न की घटना पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है.
Image Credit: my-lord.inसुनवाई के दौरान जज ने समाजिक परिस्थितियों से चिंता जताते हुए कहा कि हम हमेशा पीड़ितों के बारे में बात करते हैं. हम लड़कों को क्यों नहीं बताते कि क्या सही है और क्या गलत.
Image Credit: my-lord.inआपको लड़कों को यह बताना होगा कि उन्हें क्या नहीं करना चाहिए.
Image Credit: my-lord.inउन्हें दूसरे जेंडर का सम्मान करना, महिलाओं का सम्मान करना सिखाएं. हमारे समय नैतिक शिक्षा की क्लासेस होती थीं.
Image Credit: my-lord.inशिक्षा विभाग को यहां कदम उठाने की जरूरत है और लड़कों में बचपन से ही ये सभी चीजें डालनी चाहिए.
Image Credit: my-lord.inजज ने आगे कहा, "अगर समानता नहीं सिखाई जाएगी तो कुछ नहीं होगा. अगर उचित जागरूकता नहीं लाई गई तो कोई भी कानून काम नहीं आएगा.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस ने कहा कि एक मराठी फिल्म आई थी जिसका नाम था "7 चे आट, घरात" (शाम 7 बजे से पहले घर में आ जाओ) ऐसी फिल्में सिर्फ लड़कियों के लिए क्यों?
Image Credit: my-lord.inजस्टिस ने आगे कहा कि लड़कों के लिए क्यों नहीं? लड़कों को जल्दी घर आने के लिए क्यों नहीं कहा जा सकता?
Image Credit: my-lord.inबदलापुर के स्कूल में हुई घटना को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट बेहद सख्त है. वह इन घटनाओं को सख्ती से निपटने को लेकर बेहद तत्पर है.
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!