लड़कों को कम उम्र से ही सही-गलत सिखाने की जरूरत: बॉम्बे हाईकोर्ट

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 28 Aug, 2024

बॉम्बे हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि लड़कों को कम उम्र से ही लैंगिक समानता के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है और उनकी मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है.

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बदलापुर यौन उत्पीड़न की घटना

अदालत ने यह टिप्पणी बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई के दौरान की. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर के एक स्कूल में दो लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न की घटना को स्वत: संज्ञान में लिया था.

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सही-गलत की समझ

अदालत ने कहा कि समाज में पुरुष वर्चस्व और अहंकार जारी है और लड़कों को कम उम्र से ही सही और गलत व्यवहार के बारे में सिखाने की जरूरत है.

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महिलाओं के प्रति सम्मान

कोर्ट ने लड़कों को सही और गलत के बीच अंतर सिखाने और महिलाओं के प्रति सम्मान की आवश्यकता पर भी जोर दिया. अब मामले की सुनवाई 3 सितंबर को होनी है.

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नियमों और दिशानिर्देशों

अदालत ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्कूलों में पालन किए जाने वाले नियमों और दिशानिर्देशों को जारी करने के लिए एक समिति गठित करने का सुझाव दिया है.

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पुलिस स्टेशन

अदालत ने कहा कि पीड़ित लड़कियों में से एक और उसके परिवार को पुलिस स्टेशन आकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया था.

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पीड़िता के बयान

बदलापुर पुलिस ने उनके घर जाकर बयान दर्ज करने की कोशिश भी नहीं की.

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तीन पुलिस अधिकारी सस्पेंड

महाराष्ट्र के महाधिवक्ता (एजी) बीरेंद्र सराफ ने चूक को स्वीकार किया और कहा कि बदलापुर पुलिस स्टेशन के तीन पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.

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