बॉम्बे हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि लड़कों को कम उम्र से ही लैंगिक समानता के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है और उनकी मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने यह टिप्पणी बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले की सुनवाई के दौरान की. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बदलापुर के एक स्कूल में दो लड़कियों के कथित यौन उत्पीड़न की घटना को स्वत: संज्ञान में लिया था.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने कहा कि समाज में पुरुष वर्चस्व और अहंकार जारी है और लड़कों को कम उम्र से ही सही और गलत व्यवहार के बारे में सिखाने की जरूरत है.
Image Credit: my-lord.inकोर्ट ने लड़कों को सही और गलत के बीच अंतर सिखाने और महिलाओं के प्रति सम्मान की आवश्यकता पर भी जोर दिया. अब मामले की सुनवाई 3 सितंबर को होनी है.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्कूलों में पालन किए जाने वाले नियमों और दिशानिर्देशों को जारी करने के लिए एक समिति गठित करने का सुझाव दिया है.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने कहा कि पीड़ित लड़कियों में से एक और उसके परिवार को पुलिस स्टेशन आकर अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया था.
Image Credit: my-lord.inबदलापुर पुलिस ने उनके घर जाकर बयान दर्ज करने की कोशिश भी नहीं की.
Image Credit: my-lord.inमहाराष्ट्र के महाधिवक्ता (एजी) बीरेंद्र सराफ ने चूक को स्वीकार किया और कहा कि बदलापुर पुलिस स्टेशन के तीन पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.
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