हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक दंपत्ति की तलाक की मांग खारिज कर दी है.
Image Credit: my-lord.inइलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि हिंदू विवाह कोई अनुबंध (Contract) नहीं है, जिसे दोनों पक्ष सहमति से समाप्त कर लें.
Image Credit: my-lord.inअदालत ने यहां तक कहा कि अगर दोनों में से किसी एक पर नपुंसक (Sterile) होने का आरोप है तो उसे अदालत प्रमाण के आधार पर तलाक की इजाजत देगा.
Image Credit: my-lord.inमामला ऐसा है कि पहले पत्नी ने पति को सहमति से तलाक की इजाजत दी थी,
Image Credit: my-lord.inये मामला अदालत के सामने तीन साल तक लंबित रहा और पति-पत्नी के बीच मिडिएशन भी विफल रहा.
Image Credit: my-lord.inइस दौरान कपल को दूसरा बच्चा हुआ, तब महिला ने वैवाहिक संबंध तोड़ने से इंकार कर दिया.
Image Credit: my-lord.inट्रायल कोर्ट ने पति की आपत्ति पर विवाह खारिज करने के आदेश पारित किया था.
Image Credit: my-lord.inपत्नी ने इसी फैसले को चुनौती दी थी, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वीकार करते हुए विवाह खारिज करने के फैसले को रद्द कर दिया.
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