वकीलों का बार-बार प्रोटेस्ट पर जाना अदालत की अवमानना है: सुप्रीम कोर्ट

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 04 Sep, 2024

बार-बार हड़ताल

सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों के बार-बार हड़ताल पर जाने के रवैये को अदालत की अवमानना बताया है.

Image Credit: my-lord.in

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वकीलों ने 134 वर्किंग डे में से 66 दिन हड़ताल पर रहे.

Image Credit: my-lord.in

फैजाबाद बार एसोसिएशन

सुप्रीम कोर्ट ने ये टिप्पणी इलाहाबाद हाईकोर्ट के 8 अगस्त के फैसले के खिलाफ फैजाबाद बार एसोसिएशन की अपील पर सुनवाई करने के दौरान कही.

Image Credit: my-lord.in

इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसोसिएशन के बार-बार हड़ताल पर जाने के रवैये को देखते हुए इसके मामले को संभालने और इसके कामकाज की देखरेख करने के लिए एक एल्डर्स कमेटी बनाई थी.

Image Credit: my-lord.in

बार-बार हड़ताल

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप बार-बार हड़ताल कैसे शुरू कर सकते हैं? इससे इतर हम कहेंगे कि आप आश्वासन दें कि आप हड़ताल पर नहीं जाएंगे. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 134 दिनों में से 66 दिन आप काम से दूर रहे?

Image Credit: my-lord.in

अदालत की अवमानना

जस्टिस सूर्यकांत ने वकीलों के बार-बार हड़ताल पर जाने से नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ये रवैया अदालत की घोर अवमानना है. हम न्याय का मखौल उड़ाने या अदालत को धमकाने की इजाजत नहीं दे सकते हैं.

Image Credit: my-lord.in

HC के आदेश पर रोक नहीं

जस्टिस सूर्यकांत ने मौखिक तौर पर कहा कि वे इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश पर रोक नहीं लगाएंगे.

Image Credit: my-lord.in

बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों को हलफनामा के माध्यम से यह वचन देना पडे़गा कि वे कभी भी काम बंद करने का प्रस्ताव पारित नहीं करेंगे और अपनी किसी भी शिकायत के समाधान के लिए जिला जज के पास जाएंगे.

Image Credit: my-lord.in

पढ़ने के लिए धन्यवाद!

Next: गर्मी की छुट्टियों में काम न करने पर भी मिलती है सैलरी तो बुरा लगता है: जस्टिस बीवी नागरत्ना

अगली वेब स्टोरी