सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना ने मंगलवार को एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि जब गर्मी की छुट्टियों के महीनों में जब सैलरी आती है तो वह ग्लानि महसूस करती हैं.
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीवी नागरत्ना ने मंगलवार को एक मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि जब गर्मी की छुट्टियों के महीनों में जब सैलरी आती है तो वह ग्लानि महसूस करती हैं.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस ने कहा कि जब उन्होंने जज के रूप में काम नहीं किया, तो हम उन्हें पिछला वेतन नहीं दे सकते. हमारा विवेक इसकी इजाजत नहीं देता.
Image Credit: my-lord.inइसके बाद, सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को निर्देश दिया कि वह जल्द आदेश जारी करे ताकि चारों जज यथाशीघ्र ड्यूटी पर वापस आ सकें.
Image Credit: my-lord.inSC जज ने यह टिप्पणी उन सिविल जजों को पिछली सैलरी देने से इनकार करते हुए की,
Image Credit: my-lord.inजिन्हें मध्य प्रदेश सरकार ने सेवा से बर्खास्त कर दिया था और बाद में सुप्रीम कोर्ट के दखल पर बहाल किया गया था.
Image Credit: my-lord.inसुनवाई के दौरान, राज्य के वकील ने गुहार लगाई कि जिस दौरान जज सेवा में नहीं थे, उस अवधि के लिए बकाया वेतन देने पर SC विचार करे.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस नागरत्ना ने कहा कि चूंकि जजों ने बर्खास्तगी के दौरान काम नहीं किया, इसलिए उन्हें पिछली सैलरी नहीं दे जा सकती.
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