दिल्ली उच्च न्यायालय ने एमसीडी से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद करोल बाग क्षेत्र में एक मंदिर में दुकानों का अनाधिकृत निर्माण पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए मंदिरों में दुकानों के अवैध पर निर्माण को रोकने के लिए की गई एमसीडी की कार्रवाई पर संतोष जताया है. एमसीडी के सबमिशन और स्टेटस रिपोर्ट पर विचार करने के बाद, दिल्ली उच्च न्यायालय ने दायर याचिका का निपटारा कर दिया है.
दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस पुरुषेंद्र कुमार कौरव ने कहा कि, उपरोक्त के मद्देनजर, अदालत संतुष्ट है कि आगे कोई निर्देश पारित करने की आवश्यकता नहीं है. प्रतिवादी-निगम ने यह सुनिश्चित करने के लिए पहले ही आवश्यक कदम उठाए हैं कि आगे का निर्माण रोका जाए.एमसीडी
जस्टिस कौरव ने 21 अगस्त को पारित आदेश में कहा,
"प्रतिवादी-निगम स्थिति रिपोर्ट में लिए गए रुख से बंधा हुआ है."
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, एमसीडी ने स्थिति रिपोर्ट दाखिल की और कहा कि शिव मंदिर ब्लॉक नंबर 6, देव नगर, करोल बाग, नई दिल्ली में संपत्ति का निरीक्षण क्षेत्रीय जूनियर इंजीनियर (भवन) ने याचिकाकर्ता और उनके वकील के साथ 8 फरवरी, 2024 को किया था. संपत्ति में केवल भूतल शामिल है. परिसर में देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं.
एमसी ने रिपोर्ट में कहा,
"हालांकि, परिसर में बिना शटर के कियोस्क के आकार में निर्माण कार्य चल रहा था. निर्माण रोक दिया गया था. मंदिर प्रबंधक से उक्त निर्माण को हटाने का अनुरोध किया गया था."
याचिकाकर्ता ने शिव मंदिर वाली पियाऊ की भूमि पर दिल्ली प्रांतीय रैगर मंदिर प्रबंधक समिति द्वारा अनाधिकृत/अवैध निर्माण का आरोप लगाया था. यह तर्क दिया गया था कि उक्त मंदिर की भूमि को मंदिर प्रबंधक समिति द्वारा एक व्यावसायिक परिसर में परिवर्तित कर दिया गया है. 5 फरवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय ने एमसीडी को नोटिस जारी किया और साइट का निरीक्षण करने का निर्देश दिया। साथ ही दो सप्ताह में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया.